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लघुविद्यानुवाद
यत्र न० १०१
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इस यन्त्र को भोजपत्र पर लिखकर घोड़े के गले मे बाधने से उसका पेट दर्द दूर होता है । पैशाब बन्द हो जाय, तो होने लगता है : सर्व कष्ट दूर हो जाता है ।। १०१ ।।
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यत्र न० १०२
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इस यन्त्र को भोजपत्र पर लिखकर कमर मे बाधने से नपुंसक व्यक्ति की नपुंसकता दूर होती है ॥१०२॥