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लघुविद्यानुवाद
फल -यत्र रचना सात, यत्र अष्ट द्रव्येन पूजन कृत्वा काव्य यत्र मत्र प्रभावात् राज कोप
रोगादि भय व्यतरादि दोष, उच्चाटनादि भय नष्ट भवति बदि मोक्ष बल पराक्रमस्य वृद्धि भवति ।
इस यन्त्र के प्रभाव से राज्य का कोप मिटे । रोगादि भय नष्ट होय, व्यतरादि दोप का ___ और उच्चाटनादि दोष का भय दूर हो । बदिखाना से छुटे । बल पराक्रम की वृद्धि होय। इस यन्त्र को सुगन्धित वस्तुग्रो से लिखकर अष्ट द्रव्यो से पूजा करे।
श्लोक नं० ७ विधि नं० १ यन्त्र नं०६
कलि कुण्ड
स्वाहा
Kॐ ॐ
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देवदत्त
हाऊकलि का
RANI
TRAVBHARAT
सर्वग्रह रोग मोचक यंत्रम्