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________________ ४७४ लघुविद्यानुवाद इस यन्त्र को भोजपत्र पर अथवा सोना चादी, ताबे के पत्रे के ऊपर लिखकर सुगन्धित द्रव्य से लिखकर अष्ट द्रव्यो से पूजा करे। १०८ वार मत्र का जाप करे । तो विद्या सिद्ध होती है। सर्व विष, शत्रु भय नाश होता है। मत्र पूर्व दिशा मे मुखकर, लाल आसन पर बैठकर लाल माला से जाप करे । जाप का मत्र--ॐ नमो पद्मावती सर्व कामना सिद्धि ह्रा ह्री नमः। यन्त्र नं०६ बाmarnama कलाप्यालोलोत्पल दल नरनिरालद्वाहवानि। ह पोपमासनस्यव्यय नय बुरित रक्षमादेवितेवेन्द्रबंदे। आँ क्रीन मादिहा उपमालास्फुलिग स्फुरूवल्ण करूदग्रवज्रांग हस्ते ।। - न मEिD Melet122221 भय निवारक यंत्र स्तोत्र श्लोकार्थ नं. ३ मन्त्र विधि (६) इस श्लोक पाठ से सब प्रकार की हत्या के अपराध दूर होते है । मन्त्रोद्धार -ॐ ह्रां ह्री ह ह्रः हर २ हः हः ठः ठः । इस मत्र को एकाग्रचित होकर स्मरण करने से सब प्रकार के उपसर्ग दूर होते है। इदानी शातिक पौष्टिक तुष्टिक यत्र विषहर यत्र मत्र सप्रपचमाह--
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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