________________
४४४
इस यन्त्र मन्त्र कार्य को भोजपत्र या सोना, ताबा, चादी के पत्र पर लिख कर लाल पुष्प से पूजा करे । मन्त्र का १०८ बार जाप करे तो लक्ष्मी का लाभ होता है । चितित कार्य सिद्धि होती है । भोज पत्र पर यन्त्र लिखना हो तो सुगंधित द्रव्य से लिखे ।
जपने का मन्त्र :
ॐ ह्री पद्म नम. । इस मन्त्र की १ माला उत्तर दिशा मे मुख करके नित्य फेरे
लघु विद्यानुवाद
यंत्रनं02
भित्वा पाताल मूलं चल चल चलिते व्याल लीला कराले ।
मायाजी मूल माला कुहरित गगने, स्तमां देवी पद्मे ॥
H:
न
क्रौं
दो
हीँ
प
विद्यु दण्ड प्रचण्ड सहितैः समुजै स्तर्ज यन्ति ।
मनोवांछित दायक यन्त्र
कूजत्कोदंड कांडो, डमरु विधुरितः क्रूरधोरोसपर्गा ॥ दिव्यं वज्रातपत्रं, प्रगुणमरिण र रणत्कि किरणीक्वारणरम्यं ॥ भास्वद्वे डर्यदंडं, मदन विजयिनो, विभ्रती पार्श्वभर्त्तः ॥ सा देवी पद्महस्ता विघटयतु महा, डामरं मामकीनम् ||३||