________________
-
३६०
लघुविद्यानुवाद
मन्त्र -ॐ ह्री श्री काला गोरा क्षेत्रपाला जहाँ जहाँ भेजिये तहाई कर वाला गाजत आया वाजत जाय । घोरत जाव उडत जाव, काला कलवा वाटका घट का चाले का भोव का पराइण का चुहड का चमारी का प्रगट करे इस घर की आदर रक्षा बढाई करे । गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
दूजे घर तै जो अनसरै रोग जहा लो सब परहरै ।।२।। मन्त्र :-ॐ ह्री श्री पद्मावती प्रसादात रोग दु ख विनास नाई गुरु को शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र
ईश्वरो वाचा।
तीजे ठास जात घर आवे ॥३॥ मन्त्र :-ॐऐ ता विश्रधारणी झगडा जितिनी कुरु कुरु स्वाहा, गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र
ईश्वरो वाचा।
चौथे चर उच्चाट लगावे ।।४।। मन्त्र -ॐ ह्री ब्राह्मणी र र र ठ. ठ ठ । विधि :-लूण राई का होम मन्त्र जाप १०८ वार ।
पचम घर थंमण करै सव कोई ।।५।। मन्त्र:-ॐ अजता अजत सासताई स प ष. अ अमुक मुख वधन कुरु स्वाहा।
छठे घर झट कचन फुन होय ।।६।। मन्त्र :-ॐ नमो जहाँ २ जाए वेग कारज करु धनषुन वीर धन ले प्राव, वेग ले प्राव, धनपुन
वीर की वाचा फुर कुरु स्वाहा । मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।