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लघुविद्यानुवाद
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सात दिन तक नित्य एक बार चादी की थाली में अष्टगन्ध से लिखकर जल प्रक्षालित कर पिलाने से पूर्ण लाभ मिलता है। इस यन्त्र को धारण करने से भूत, प्रेत, पिशाच शाकिनी, डाकिनी, व्यतर आदि देवो का दूषित प्रभाव अथवा दोष नही होते है । यन्त्र को
चौसठ योगिनी महायंत्र - चौ स ट यो 0 नी
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दिव्ययोगिनी महायोगिनी घोरा | विकटी दुर्जटा प्रतभक्षणी काली कालरात्री
निसाचरी हुंकारी यंत्रवाहिनी कौमारी यती भक्षणी महाकाली रक्तांगी
। ४७ । १४ । २० २१ २२ ४ २ यमदूती लक्ष्मी वीरभद्राजी पुलाजी कलिंप्रिया रात्तसी | चक्री मोहिनी
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३१ । । ८ ३७ वज्रणी | भैरवी प्रितवाहिनी कंडकी दीर्घलुस्वा मालिनी | सैवरी | भयंकरी
२३४३४४ प्रपू प६ । १८ विरूपाक्षी चोररक्ताती कंकाली भुवनेश्वरी कुंडला तालुकी प्रेतकारी नरभोजनी
श्री मणि भाद्रा ये न मः
करालनी कौशीकी उईकेशी भूतडामरी कलिकारी सिद्धवेताली विशाला कामुका
| व्याश्री यक्षणी डाकिनी प्रेसादी जिनेश्वरी सिद्धयोगिनी कपाली विषलागुली
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