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लघुविद्यानुवाद
यत्र न० १५७
यत्र न० १५८
७७ ५.८७
यह यन्त्र अष्टगन्ध से भोजपत्र पर लिखकर पाम मे राखे, तो भूत मैली वीजासण लागे नही, कभी याको दखल होय नही ।।१५७।।
यह यन्त्र रविवार के दिन भोजपत्र पर लिखकर हाथ मे बाधे, तो बेला ज्वर चढे नहीं ।।१५८।।
यन्त्र न. १५६
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