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लघुविद्यानुवाद
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यन्त्र न० १४४
यह यन्त्र अष्टगध सू भोजपत्र पर लिखै । कनै राखे, तो घाव लगे नाही। फते होवै सही ।। १४४॥
५५ । ११
यन्त्र न०१४५
राजा रानी मोहन को नव प्रकर्ण यन्त्र है सत्य । इस यन्त्र को अष्टगध से लिख कर; पास मे रखने से, राजा-रानी वश मे होते है ।। १४५ ।।
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