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लघुविद्यानुवाद
३३३
४२
यन्त्र न० १२१
___ इस यत्र को स्याही से लिखकर माथे पर वाधे तो आधा शीशी जाय ॥१२१।।
३११
७०
यन्त्र न० १२२
यन्त्र न०१२३
४८
४४
४१
।
५
।
देवदत्त
४१७
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-
लोहे के ढोलने मे यत्र घाल कर स्त्री के गले मे बाधे, गर्भ रहे ।। १२२।।
कुमारी कन्या के हाथ पूणो कत्ताकर यह यन्त्र कागज पर दूध से लिखे। स्त्री के गले मे वाधे, दूध घनी घनो होय ।।१२३।।
यन्त्र न० १२५
यन्त्र न० १२४
the
ह्री
हो
। दत्त
the
___ मत्र
४१८
ह्री
हो
ह्रो
यन्त्र बाधे शीतला जाय ॥१२५।।
यह यन्त्र पास रखे राजा गुरु प्रसन्न होय प्रप्ट गध से लिखें ।।१२४।।