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४
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२४
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३०
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५
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२५
यन्त्र न० ११६
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८
इस यन्त्र को वाधने से कागलो अच्छी होय ॥ ११६॥
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८
२८
८
७
२६
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लघुविद्यानुवाद
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७
२७
२
१
६
यन्त्र न० ११८
२६
८
४
इस यन्त्र को कमर मे बाधे तो वायुगोला की पीडा न रहे तथा गले मे बाँधे साप का जहर उतर जाता है ।। ११७॥
५
यन्त्र न० ११७
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८
४
नोट :- पेज नं० २३७ पर यन्त्र नं० १०६ की विधि नीचे दी हुई है ।
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५
७
३३१
इस यन्त्र को लिखकर चरखे मे बाघ कर उल्टा घुमावे, परदेश गया हुआ
वापस आता है ।। ११८ ॥