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लघुविद्यानुवाद
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यत्र न०७१
ह क लश ह क शल हश कल
३333/60
. इस यन्त्र को ताइ पत्र या भोज पत्र सोना, चांदी व नांवा के पने पर गोरोचन, मिन्दूर, लाल चन्दन, काम और अपनी अनामिका गली के मन में यन्त्र लिखना । भविन ने पूजन कर निम्न मन्त्र ने "हम ही कह ही गह ही ।।'' मवा नाव जप करना चाहिए। जप अमावस्या ने शुभ कार तीन पक्ष में पूरे करे ।।७।।
यन.७२
क्लों
विद्या येहि
* स्वाहासरस्वत्ये
नोविद्यार्थिनम.
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समीर