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लघुविद्यानुवाद
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प्रसूति प्रमुख रोग विध्वसिनो चोरानल जन राजग्रहविच्छेदिनी एकाहिक द्वयाहिक व्याहिक चातुर्थिक भौतिक वातिक सान्निपातिक पैत्तिक ज्वरोच्चा टिनी त्रिभुवन जन मोहिनी भगवती श्री पद्मावती महादेवी एहि एहि आगच्छ आगच्छ प्रसाद कुरु कुरु ( वषट् ) सर्व कर्म करी (वषट्)।
इस आह्वानन मन्त्र का स्मरण जब करे, जहा देवीजी को आकर्षण करना हो।
पद्मावती माला मन्त्र लघु ___ॐ नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय ह्री पद्मावती सहिताय धरणोरगेन्द्र नमस्कृताय सर्वोपद्रव विनाशनाय, परविद्याच्छेदनाय, परमन्त्र प्रणाशनाय सर्व दोष निर्दलनाय आकाशान बधय-२ पातालान् बधय-२ देयान् बधय-२ चाण्डाल ग्रहान् बधय-२ भगवन् क्षेत्र पालग्राम बधय-२ डाकिनी बत्रय-२ लाकिनी बधय-२ जाकिनो बधय-२ ग्रहोत मुक्तकाम बंधय-२ दिव्य योगिनी बधय-२ वज्र योगिनी बधय-२ खेचरी बधय-२ भूचरीम् बधय-२ नागान् बधय-२ वर्ण राक्षसान् बधय-२ जोटिगान् बधय-२ मुग्दल ग्रहान् बधय-२ व्यन्तर ग्रहान बधय-२ आकाश देवी बधय-२ जल देवी बधय-२ स्थल देवी बधय-२ गोत्र देवी बधय-२ एकाहिक द्वयाहिक-त्र्याहिक चातुर्थिक नित्य ज्वर रात्रि ज्वर सर्व ज्वर मध्यान्ह ज्वर वेला ज्वर वातिक-पैतिक श्लेष्मिक-सान्निपातिक - सर्व दोप देव कृत-मानव कृत यत्रकृत कार्मण उच्छेदय-२ विस्फोटय-२ सर्व दोषान् सर्व भूतान् हन - हन दह - दह पच-पच भस्मी कुरु कुरु स्वाहा धे धे।
ॐ ह्री पार्श्वनाथाय धरणेन्द्र पद्मावती सहिताय ठम्यू क्ष्मा क्ष्मी क्ष्मू क्ष्मौ क्ष्य क्षमः कलिकण्ड दण्ड स्वामिन्नतुल बलवीर्य पराक्रम मम शाकिन्यादि भयोपशमन करु २ आत्म विद्या रक्ष २पर विद्या छिदि २ भिदि २ ह फट् स्वाहा । विधि -इस मन्त्र का साढे बारह हजार विधि से जप करे, दसास होम करे तो सर्व प्रकार के उपद्रव शात होते है।
पद्मावती माला मन्त्रः (वृहत्)
ॐ नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय धरणेन्द्र सहिताय पद्मावती सहिताय सर्न लोक हृदयानन्द कारिणी भृगी देवी सर्व सिद्धि विद्या विधायिनो कालिका सर्व विद्या मन्त्र यन्त्र मुद्रा स्फटिनिकरालि सर्व पर द्रव्ययोग चर्ण मथिनि सर्वविप प्रमदिनि देवि । अजितायाः स्वकत विद्या