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लघुविद्यानुवाद
कृतपादपद्माः । कुलिशनालरजत मृणाल मन्दारकरिणकारातिकुल गिरिशिखरशेखरगगन मन्दाकिनी - महाहृदनदनदीशतसहस्रदलकमलवासिन्यादि सर्वाभरणभूषिताङ् गसकलसुन्दरीवृन्दवन्दित- चारुचरणकमलयुगला. ।।' श्रमौषधय । क्ष्वेलीषधय जल्लोषधाय विप्र षोषधय । सर्वोषधयश्च व प्रीयन्ताम् २ || मतिस्मृति सज्ञाचिन्ताभिनिबोधज्ञानिनश्च व प्रीयन्ताम् २ ।।
ॐ ह्री अर्ह मोजणारण हा ह्री ह हो ह्र असि ग्राउसा ग्रप्रति चक्रे फट् विचक्राय झ झौ स्वाहा ॐ ह्री अर्ह णमो प्रोहि जिरणारण सिरो रोग विनाशन कुरू २ ॐ ह्री ग्रह रामो परमोहि जिरणाण नासिका रोग विनाशन कुरू २ॐ ह्री ग्रर्ह णमो सव्वोहि जिरणाण प्रक्षिरोग विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो प्रणतोहि जिरणारण कर्ण रोग विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह मो कुट्ठ बुद्धीणममात्मनि विवेकज्ञान कुरू २ शुल उदर गड गुमड विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो बीज बुद्धीण मम सर्व ज्ञान कुरू २ श्वास हेडकी रोग विनाशन कुरू २ ॐ ह्री श्रर्ह णमो पादाणु सारीण परस्पर विरोध विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो सभिन्न सौदराण श्वास कास रोग विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमोसय बुद्धिण कवित्व पाडित्व च कुरू २ ॐ ह्री अर्ह म पत्ते बुद्धि प्रतिवादी विद्या विनाशन कुरू २ ॐ ह्री श्रर्ह णमो बोहिय बुद्धिरण अन्य गृहीत श्रुत ज्ञान कुरू २ॐ ह्री वर्ह णमो ऋजुमदीण बहुश्रुत ज्ञान कुरू २ ॐ ह्री अर्ह रामो विउल मदीण सर्व शाति कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो दश पुव्वीरण सर्व वेदिनो भवतु ॐ ह्री अर्ह गमो चउ दस पुत्रीण स्व समय परसमय वेदिनो भवतु ॐ ह्री अर्ह णमो अट्ठाङ्ग महारिणमित कुसलारग जीवित मरणादि ज्ञान कुरू २ ॐ ह्री
मो विपित्तारण कामित वस्तु प्राप्ति र्भवतु ॐ ह्री श्रर्ह णमो विज्जा हराग उपदेश प्रदेश मात्र ज्ञान कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो चारणार नष्ट पदार्थ चिता ज्ञान कुरू २ ॐ ह्री अर्हगमोपण्ण समरणारण आयुष्यावसान ज्ञान कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो आगासगामीण अतरिक्ष गमन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो प्रसीविसाण विद्वेष प्रति हत भवतु ॐ ह्री अर्ह गमो दिट्ठि विसाण स्थावर जगम कृत विघ्न विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो उग्ग तवाण वचस्तम्भरण कुरू २ ॐ ह्री
मो दित्त तवाण सेना स्तम्भन कुरू २ॐ ह्री ग्रह णमो तत्तवारण अग्नि स्तम्भन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो महा तवाण जलस्तम्भन कुरू २ ॐ ह्री ग्रर्ह णमो घोर तवाण विषरोगादि विनाशन कुरू २ ॐ ह्री श्री रामो घोर गुरणारण दुष्ट मृगादि भय विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह णमो घोर गुरण पर क्कमाण लता गर्भादि भय विनाशन कुरू २ ॐ ह्री श्रर्ह णमो घोर गुण वम्भ चारण भूतप्र ेता दिभय विनासन भवतु ॐ ह्री अर्ह णमो विपो सहि पत्ताण जन्मान्तर देव वंर विनाशन कुरू २ ॐ ह्री अर्ह गमो खिल्लो सहिपत्ताण सर्वाप मृत्यु विनाशन करू