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लघुविद्यानुवाद
मन्त्र :-ॐ ॐ ॐ ठ सइफल नव सह भुज पंच ग्राम कूठ तनइ पापिली जइ जउइणि
करिण कीडउ पडइ। विधि :-निट्ठी लिखधान कण मध्ये अथवा जीर्णधान कण मभिमन्त्र्य अन्न मध्ये क्षिप्यते । धान
__ सुलै नाही। मन्त्र :-ॐ नमो भुज नायाय तद्यथा हर-हर ससि-ससि मिलि-मिलि सर्वेषां प्राणिना
मुंडं बंधं करोमि स्वाहा । विधि :-तीन सै गुणी जै सरसप बेलुमन्त्र्य सस्य मध्ये क्षिप्यते धान सुलै नाही। मन्त्र :--ॐ नमो नार सिघ तू घूधरियालो सबह वीरह खरड पियारउ ॐ तली
धरती ऊपर-आकाश मरहि मृगी जइ लहइ प्रकाश । विधि -जि बार मृगी प्रावै ति बार श्याही मसि सू माथे लिख जै, मन्त्र भरिण प्रौपधि नाख दीज
मृगी जाय। मन्त्र :---ॐ नमो आदेश गुरु कू तेरह सरसौ, चौदह राई, हाट की धूलि, मसान की
छाई पढ़कर मारु मंगलवारै तो कदई नावह रोग द्वारे फुरई मन्त्र ईश्वरो वाचा।
विधि --बारई मगलवारे इण मन्त्र सू मन्त्रि तेरइ महिला, ७ सरसप, ७ राई, १ चुटकी चौराहे
की धूलि, एक चुटकी मसान की छाई (राख) एकठा कर मन्त्रइ मगल वारै दोषाइत मे नाखिजे अबरता गले मन्त्रि बाधिये आदित्य वारे । एकठा करिए मगलवारे कीज
मृगी जाय। मन्त्र :-ॐ नमो ऊँचो पर्वत मेष विलास सुवरण मगा चरइ तसु आस-पास श्री
रामचन्द्र धनुष बाण चढ़ाया आजि रे मगा तुझको रामचन्द्र मारने पाया
गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा । विधि :-वर्षाकाले रवि दिने धनुप भवति तदा कुमारी सूत्र नो डोरो नव लड कीजै धनुष सामा जो
इने बार ७ मन्त्रि गाठि दशक दीजै। इम गाठ दीजै कार्य काले रवि दीने गाठ।
तावीज माहि घालि गले राखिए मगी जाए। मन्त्र :-ॐ चन्द्र परिश्रम २ स्वाहा ।, विधि -१०८ जप सरसो से ताडि रीगन वाय जाय।