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है भैरव पद्मावती कल्प
यंत्र संख्या २७ स्त्री आकर्षण यंत्र तृतीय
Seria
अग्निपुटकोष्ठमध्ये कलावृत भुवननाथमंकुशरुद्धम् । कोटेपु प्रणबांकुशमायारतिनाथररश्च ॥६॥
भा० टी०-दो अग्नि मण्डलोंके सम्पुटके बोचमें सोलह स्वरोंसे घिरे हुये 'ही' बीजको लिखकर उनके दोनों ओर क्रों बीज लिखे। छहों कोनो में क्रमशः ॐ, क्रों, हो, क्लीं, रं और रः वीजोंको लिखे। ___ कृष्णशुनकरय जबाशल्ये प्रविलिख्य बाहुरक्तेन ।
खदिराङ्गारस्तप्त सप्ताहादानयत्यवलाम् ॥७॥ भा० टी०-यह यंत्र काले कुत्तेको इमें अपने हायके. नाखूनसे रक्तसे लिखा हुआ खैरके अंगारोपर तपाया जानेसे स्त्रीका ७ दिनके भीतर आकर्षण करता है।