________________ सप्तमानस्य विवरणे परकीयभाण्डवहनम् // 4 // स्फोटकर्म कुद्दालहलादिभिर्भूमिदारणेन जीवनम् // 5 // दन्तवाणिज्यं हस्तिदन्त शव-पूतिके शादीनां तत्कर्मका रिभ्यः * क्रयेण तद्विक्रयपूर्वकं जीवनम् // 6 // लाक्षावाणिज्य सञ्जातजीवद्रव्यान्तरविक्रयोपलक्षणम् // 7 // रसवाणिज्यं सुरादिविक्रयः // 8 // विषवाणिज्यं जीवघातप्रयोजनशस्त्रादिविक्रयोपलक्षणम् // 8 // केशवाणिज्यं केशवतां दामगवोष्ट्रहस्त्यादिकानां विक्रयरूपम् // 10 // यन्त्रपौउनकर्म यन्त्रेण तिलेचप्रभृतीनां यत्पीडनरूपं कर्म तत् // 11 // तथा निर्लाञ्छनकर्म वर्धितकरणम् // 12 // दवामेर्वनामेन वितरणं क्षेत्रादिशोधननिमित्तं दवाग्निदानमितिः // 13 // सरोहूतडागपरिशोषणता, तत्र सरः स्वभावनिष्यन्नं, हुदो नद्यादीनां निम्नतरः प्रदेशः, तडागं खननसम्पन्नमुत्तानविस्तीर्णजलस्थानम्। एतेषां शोषणं गोधूमादीनां वपनार्थम् / / 14 // असतीजनपोषणता असतौजनस्य दासौजनस्य पोषणं, तद्भाटिकोपजीवनाथ यत्तत् / तथा एवमन्यदपि क्रूरकर्मकारिण: प्राणिनः पोषणमसतीजनपोषणमेवेति // 15 // // 52 // कन्दप्पे ति कन्दर्पः कामस्तद्धेतुर्विशिष्टो वाक्प्रयोगो ऽपि कन्दर्प उच्यते / रागो कात्यहासमिश्रं मोहोद्दीपक नामेति भावः / अयं चातिचारः प्रमादाचरितलक्षणानर्थदण्डभेदव्रतस्य सहसाकारादिनेति // 1 // कुक्कुद्धए त्ति कौकुच्यमनेकप्रकारा मुख 1 ace वाणिज्नं। 2 e inserts दवम्गिदाणं before it. 3e दावाग्निदानम् 4 ce * लक्षणा ऽनर्थ / 5 कुकुर ति, either an error for कुक्कदर ति, or shortened for कुक्कए नि /