________________
सत्तमस्स अगस्त
बहहिं सील' जाव* भावेमाणस्स चाहस' संवच्छरा वइकन्ता। परमरसमस' संवच्छरस्स अन्तरा वट्टमाणस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले जावो पोसहसालारा समणस्स भगवा महावीरस्म अन्तियं धम्मपत्ति उवसम्पज्जित्ताणं विहरइ॥२२३॥ .
तए णं तस्स सद्दालपुत्तस्म समवासयस पुव्वरत्तावरत्तकाले एगे देवे अन्तियं पाउभवित्या ॥ २२४॥
तर णं से देवे एगं महं नीलुप्पल जाव असिं गहाय सदालपुत्तं समणेवासयं एवं वयासी। जहा चलणीपियस्स तहेव देवो उगसग्गं करेइ । नवरं
* Supply the rest from $66. + Supply the full account from $$ 66-69. # Supply the rest from $ 95, on p. ५०.
१ F G सीलब्वय । २ F G चउद्दस । ३ A B वीतिक्कता, D E वितिक्कता। ४ B D F पनर० | ५ F G कालसमयंसि । ६ A पासहस्सालाए। ७A B D E G om. A B धर्म, DE धम्म । : D E पाउबभवित्ता। १० B महा। ११ After G which reads नीलुप्पल असिं गहाय एवं वयासी जहा etc.; A B D E F read only नीलुप्पल एवं जहा etc. ; see the similar phrase in 5 129 et passin. १२ B तधेव । १३ So F; but A B D E देवे, G om.