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सद्धर्मसंरक्षक (१३) १९०० पसरूर मूलचन्द-प्रतिबोध (१४) १९०१ रामनगर मोहनलाल-प्रतिबोध (१५) १९०२ गुजरांवाला मूलचन्द-दीक्षा (१६) १९९३ रामनगर चौमासे उठे रास्ते में गुरु-शिष्यने
मुँहपत्ती का धागा तोडा (१७) १९०४ बामनोली (१८) १९०५ रामनगर वृद्धिचन्द-प्रतिबोध (१९) १९०६ दिल्ली श्रीहस्तिनापुर-यात्रा (२०) १९०७ पिंडदादनखाँ (२१) १९०८ दिल्ली वृद्धिचन्द की दीक्षा (२२) १९०९ जयपुर चार शिष्यों के साथ (२३) १९१० बीकानेर केसरियानाथ-यात्रा (२४) १९११ भावनगर उपा० यशोविजयजी आदि के
ग्रन्थों का अभ्यास संवेगी अवस्था में चौमासे संख्या वि०सं० नगर
विशेष (१) १९१२ अहमदाबाद संवेगी दीक्षा (२) १९१३ अहमदाबाद (३) १९१४ अहमदाबाद पुण्यविजय के साथ (४) १९१५ भावनगर (५) १९१६ अहमदाबाद (६) १९१७ पाली (७) १९१८ दिल्ली पश्चात् अपने गांव में मंदिर-स्थापना
Shrenik/DIA-SHILCHANDRASURI / Hindi Book (07-10-2013) 1(1st-11-10-2013) (2nd-22-10-2013) p6.5
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