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स्त्रियों ठीक नहीं
स्त्रियोंके
26 - 9 mv X
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ठीक ही • पुनावाना पूजा पाना अचार्य
आचार्य अग्रहो
आग्रहो पढम पढमं विरुद्ध हो
विरुद्ध न हो. शारीरादि
शरीरादि व्यतिरेक्त व्यतिरेक सजोगे
संजोगे चलाता है चलता है आत्माके आत्माको परिणामन
परिणमन स्वानुभाव स्वानुभव दृष्ट समय सगयं विराये विरामे
x हवे) वह आचरण उपाध्याय उपाध्याय साधुमें जो प्रीति क
कव होता कमी है इससे कमी होती है तो
आदेश
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२० १
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आदर्श