SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 9
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (८) संक्षिप्त परिचय सेठ गिरधारीलाल चंडीप्रसादजी । सीकर ( राजपूताना) जयपुरका मण्डलदती राज्य तथा शेखावाटीका एक परिगणनीय भाग है । सीका की राज्य व्यवस्था सात परगनोंमें विभक्त है जिसमें तहसील फतहपुर एक बहुत बड़ा और प्रख्यात शहर है । यह संकर (राजधानी) से १६ कोशको दुरीपर वसा हुवा है। वर्तमान सीकर-नरेश रावराजा कल्याणसिंहभी हैं । फतेहपुरमें दिगम्बर भाइयों के १५०-२०० घर हैं तथा दो मंदिर भी हैं जिनमें एक मंदिर अति प्राचीन है। इसी नगरमें सेठ गुलाबरायनी सरावगी ( श्रावक ) अग्नवाल गर्गगोत्रीके संवत् १९२८ में एक पुत्र-स्त उत्पन्न हुवा जिनका नाम गिरधारीलालजी था। पाठक, मिन-दो भाइयों को चित्र देख रहे हैं वे आपहीके पुत्र हैं। गिरधारीलालजी फतेहपुरसे १४ वर्षकी अवस्थामें कलकत्ते माये उस समय आपकी आर्थिक अवस्था साधारण थी । अतः. माप.एक परिचित व्यापारीके यहां कार्य. सीखते रहे। ८-१० वर्ष बाद आपके शुभ कर्मोंका उदय हुवा और आपने कपड़ेकी दलाली करनी आरंभ की। तभीसे आपकी स्थिति दिनों दिन बढ़ने लगी और व्याप भगवान जिनेन्द्रकी कपासे लक्षाधिपति बन गये।
SR No.009945
Book TitlePravachan Sara Tika athwa Part 01 Gyantattvadipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages394
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy