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मित्र-भेद
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कहा भी है -- "उपाय से जो काम हो सकता है, वह पराक्रम से नहीं किया जा सकता । कौई ने भी सोने की सिकड़ी से काले नाग
का नाश करा दिया। करटक ने कहा, “ यह किस तरह ?" दमनक कहने लगा--
कौनों के जोड़े और काले नाग की कथा
किसी देश में एक बरगद के पेड़ पर कौए का एक जोड़ा रहता था। कौई के बच्चे देने के समय पेड़ के खोखले से निकलकर एक काला साँप — हमेशा उसके बच्चों को खा जाया करता था। इससे दुखित होकर कौए और कौई ने एक दूसरे वृक्ष के नीचे रहने वाले अपने प्रिय मित्र सियार से कहा, "भद्र ! इस प्रकार की स्थिति में हमें क्या करना चाहिए? यह दुष्टात्मा काला साँप वृक्ष के खोखले से निकलकर हमारे बच्चों को खा जाता है। उनको बचाने का कोई उपाय कीजिए।
"जिसका खेत नदी किनारे हो, जिसकी पत्नी दूसरे का साथ करती हो, और जिसका रहना सर्प वाले घर में हो, उसको सुख कैसे मिल सकता है ? और भी "सर्प वाले घर में रहने से मृत्यु में शक नहीं है। जिस गाँव के छोर पर
सर्प रहता है, उस गाँव के रहने वालों को भी प्राणों का डर होता है। इस तरह वहाँ रहते हुए प्रतिदिन हमारे प्राण का डर बना रहता है।" सियार ने कहा, “इस विषय में जरा भी विषाद न करो। यह बात ठीक है कि इस दुष्ट का वध बिना तरकीब के नहीं हो सकता।
"तरकीब से शत्रु पर जैसी जीत मिल सकती है, वैसी हथियारों से नहीं । उपाय जानने वाला अगर छोटा भी हो तो उसे शूरवीर हरा नहीं सकते। और भी