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शुद्धशब्द अविफल
OM
भगवन्,
सामग्रय पूर्ण तो सुनो
रहो
असंयम सुखषी को
शुद्धि पत्र विषय-पृष्ठ-कल्पना-पंक्ति अशुद्धशब्द
३-११-२-२ आवफल ३--१३-१०- १ भगवन ३-१३-१०- ५ सामग्रय ३-१४-१३-१ पूर्वज्ञ ३-१६-२१- १ ता सुनो ४-१८- ५-२ रहा ४-१८- ७-३ असयम ४-२१-१६-५ सुखैषी ५-२६-२२-६ की ६-३३- ४ था सन्मान ६-३५-१५-- ६ योविगबुद्धि ६-३८-२८- १ आत ६-३६-३-३ वावक ७-४१- ४-५ जावा ८-४८-१२- २ स्वभाव के 8-५२- १४ गंभीरता से 8-५४-१०- २ व्यवहारिणम्' 8-५४--११- २ स्पृह 8-५५-१२-- ४ भिन्न ६-५६-१४-४ अन्न
का
या सन्मान वियोगबुद्धि आत्म बाधक जावो स्वभाव के समान गभीरता से पढ़ो व्यवहारिणाम् स्पृहा
मित्र
पाना