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[ १५ ] अव भी बहुत रुचि है। कोई समय हो हर समय बाल, वृद्ध, युवा कोई हो धर्म शिक्षा देने में ही संलग्न रहते हैं । मुख्य कर्तव्य समझते हैं आप इसको। मंत्री मनोहरलालः
सामाजिक क्षेत्र में पैर रखा । १६ वर्ष के थे । 'जाति मुधारक सभा' के मंत्री नियुक्त किये गये। गांव के छोटे २ झगड़े
आपके पाम आते। बड़ी कुशलता से उनका फैसला करा देते । जनता में इतना प्रभाव व विश्वास था कि कहा करत थे 'जो मनोहर कर देगा, स्वीकार है' । एक बार सतगुवां ग्राम में एक वृद्ध-विवाह होने जारहा था । आप साईकिल पर इस गांव में पहूँचे। उस होने वाले अनाचार को रोका | जनता बहुत ही प्रभावित हुई । अब भी जहां जाते हैं समाज में मनमुटाव के दूर करने का ही प्रयत्न करते रहते हैं। सार (शाह) मनोहर लाल :
बुन्देलखंड में साव (शाह) उन्हें कहते है जो लेन देन का व्यवहार करते है। जब आप ही वर्ष के थे कि पिता जी सदैव के लिये आपको छोड़ कर चले गये। माता जी का भी देहान्त हो चुका था। घर में लेन-देन का कार्य शिथिल पड़ गया। जब आप २१ वर्ण के हुए तो गृहस्थी की चिंता से आप को अपना लक्ष्य लेन-देन की ओर देना पड़ा। परन्तु पिता