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अध्याय - ५
धर्माधर्मयोः कृत्स्ने ॥१३॥
[धर्माधर्मयोः] धर्म और अधर्म द्रव्य का अवगाह [ कृत्स्ने] तिल में तेल की तरह समस्त लोकाकाश में है।
The media of motion and rest pervade the entire universe-space.
एकप्रदेशादिषु भाज्यः पुद्गलानाम् ॥१४॥ [पुद्गलानाम् ] पुद्गल द्रव्य का अवगाह [ एक प्रदेशादिषु ] लोकाकाश के एक प्रदेश से लेकर संख्यात और असंख्यात प्रदेश पर्यन्त [ भाज्यः ] विभाग करने योग्य है - जानने योग्य
The forms of matter occupy (inhabit) from one unit of space onwards.
असंख्येयभागादिषु जीवानाम् ॥१५॥ [जीवानाम् ] जीवों का अवगाह [असंख्येयभागादिषु] लोकाकाश के असंख्यात भाग से लेकर संपूर्ण लोक क्षेत्र में
The souls inhabit from one of innumerable parts of the universe-space.
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