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अध्याय - २
स्पर्शनरसनघ्राणचक्षुःश्रोत्राणि ॥१९॥
[ स्पर्शन ] स्पर्शन, [रसन] रसना, [घ्राण ] नाक, [चक्षुः] चक्षु और [ श्रोत्र ] कान - यह पाँच इन्द्रियाँ हैं।
Touch, taste, smell, sight, and hearing (are the senses).
स्पर्शरसगन्धवर्णशब्दास्तदर्थाः ॥२०॥
[ स्पर्शरसगन्धवर्णशब्दाः] स्पर्श, रस, गन्ध, वर्ण (रंग], शब्द - यह पाँच क्रमशः [ तत् अर्थाः ] उपरोक्त पाँच इन्द्रियों के विषय हैं अर्थात् उपरोक्त पाँच इन्द्रियाँ उन-उन विषयों को जानती हैं।
Touch, taste, smell, colour and sound are the objects of the senses.
श्रुतमनिन्द्रियस्य ॥२१॥
[अनिन्द्रियस्य ] मन का विषय [ श्रुतम् ] श्रुतज्ञानगोचर पदार्थ हैं अथवा मन का प्रयोजन श्रुतज्ञान है। Scriptural knowledge is the province of the mind.
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