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अध्याय - १
अथ प्रथमोऽध्यायः Faith and Knowledge
सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणि मोक्षमार्गः ॥ १ ॥
[ सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणि ] सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र, तीनों मिलकर [ मोक्षमार्ग: ] मोक्ष का मार्ग है, अर्थात् मोक्ष की प्राप्ति का उपाय है।
Right faith, right knowledge, and right conduct (together) constitute the path to liberation.
तत्त्वार्थश्रद्धानं सम्यग्दर्शनम् ॥२॥
[ तत्त्वार्थश्रद्धानं ] तत्त्व (वस्तु) के स्वरूप सहित अर्थ-जीवादि पदार्थों की श्रद्धा करना [ सम्यग्दर्शनम् ] सम्यग्दर्शन है।
Belief in substances ascertained as they are is right faith.
तन्निसर्गादधिगमाद्वा ॥३॥
[ तत् ] वह सम्यग्दर्शन [ निसर्गात् ] स्वभाव से [वा ]
अथवा [ अधिगमात् ] दूसरे के उपदेशादि से उत्पन्न होता है।
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