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चेन्नई के नेहरू इनडोर स्टेडियम में रविवार को दीप प्रज्वलन करते जीतो की नई कार्यकारिणी के पदाधिकारी।
'जैन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन'
जीतो के पदाधिकारियों को दिलाई शपथ
कार्यालय संवाददाता @ चेन्नई
जैन इंटरनेशनल ट्रेड आर्गेनाईजेशन (जीतो) के प्रणेता व गणिवर्य नयपदम सागर म. का कहना है कि जैन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है। वे यहां नेहरू इनडोर स्टेडियम में रविवार को जीतो के पदाधिकारियों को शपथ दिलाने से पहले मुथुत देश की सीमाओं से परे हैं। यह आत्मा फाइनेंस के चेयरमैन एम. जी. जॉर्ज की पवित्रता व विश्वास को मानता के भाषण के दौरान जैन धर्म को है और पूरी तरह से निष्पक्ष है। मुनि सबसे प्राचीन बताए जाने का हवाला ने इस मौके पर जीतो की नई दे रहे थे। कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को मनि ने स्मरण दिलाया कि जब शपथ दिलाई।
नए पदाधिकारी
जीतो एपेक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष चम्पालाल वर्द्धन, जीतो एपेक्स के चेयरमैन नरेंद्र बलदोता, महामंत्री उत्कर्ष भाई, महामंत्री राकेश मेहता व कोषाध्यक्ष के अलावा निदेशक मण्डल के 27 सदस्यों ने शपथ ली।
Shri Ashtapad Maha Tirth
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मुनि ने बताया कि अमरीका के डॉ. रजनीश भाई जिन्होंने जैन तीर्थंकरों की हीरे व बहुमूल्य रत्न जड़ित मूर्तियां भारत में ही रखने का फैसला किया है के सहयोग से पालीताणा में जल्द ही एक मंदिर बनेगा जहां इन मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा। इस मौके पर जीतो चेन्नई के अध्यक्ष सुरेश मूथा, जीतो के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेष मेहता व उद्योग जगत व जैन समाज की विशिष्ट हस्तियां उपस्थित थीं।
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