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'विमला' व्याख्योपता
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( ११ ) अ, द, ज - सुनो पृच्छक ! जो तुम सोचते हो, वह काम रामजी के कार्य के समान होगा, राम मंत्र का जप करते रहो, अपना मन दृढ़ करो, धैर्य से सफलता प्राप्ति होगी ।
( १२ ) अ, ज, ज - सुनो पृच्छक ! जो तू सोचता है सो कार्य सफल होगा, तुम कुबुद्धि को छोड़ दो, सुबुद्धि धारण करो, तब प्रसन्नता से सब काम बनेगा. अब दिन अच्छे हैं ।
(१३) अ, व, व सुनो पृच्छक ! जिस कार्य के निमित्त पूछते हो, वह काम मफल होगा, तुम्हारे शत्रु भला नहीं होने देते, उनसे सतर्क रहना - शत्रु का बुरा होगा, तुम किसी का बुरा मत करो, परमेश्वर भला करेगा ।
(१४) अ, अ ज - सुनो पृच्छक ! जिस कार्य के निमित्त पूछते हो, वह कार्य कठिन है, जैसे असवार घोड़े पर चढ़ भाग निकले, वैसा कार्यं तुम्हारा है, कुछ थोड़ा सा सहज में होगा ।
( १५ ) अ, ज, अ - सुनो पृच्छक ! जो तू सोचता है, वह कार्यं सफल होगा।wwwwwwco com
( १६ ) अ, ज, व- - सुनो पृच्छक ! जो तू सोचता है, उसमें भगवान्
भला करेंगे, तेरे मन का भ्रम दूर होगा, उद्यम करो, तत्काल सिद्ध होगा ।
(१७) व, व, व - सुनो पृच्छक ! तेरा कार्य तत्काल सफल होगा, तुम अपने इष्टदेवता की पूजा करो ।
(१८) व व, अ - सुनो पृच्छक ! जो तू सोचता है, सो कार्य तत्काल होगा, किसी का विश्वास नहीं करना, जो लोग तेरी बड़ाई करते हैं, पोछे शत्रु भाव रखते हैं, उनका कहना कभी न मानना, चिन्ता मत करो, इच्छा के अनुसार फल मिलेगा ।
( १९ ) व, व, ज - सुनो पृच्छक ! जो तू सोचता है, सो जाना चाहते हो, जाने से अर्थलाभ होगा, कार्य की चिन्ता मत करो ।
(२०) व, द, व - सुनो पृच्छक ! जो तू सोचते हो उस कार्य में मन लगाकर उपाय करो, तो वह कार्य आनन्द से पूर्ण होगा और बहुत लाभ भी होगा ।
(२१) व, ज, व - सुनो पृच्छक ! जो तू सोच रहा है, उस कार्य में
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