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अापणं-३४
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(१४३०) दस वाससहस्साई किण्हाए ठिई जहत्रिया होइ पत्नियमसंखिज्जइओ उक्कोसो होइ किण्हाए (१४३१) जा किण्हाए ठिई खलु उक्कोसा सा उ समयममहिया जहन्त्रेणं नीलाए पलियमसंखं च उक्कोसा (१४३२) जा नीलाए ठिई खलु उक्कोसा सा उ समयममहिया जहत्रेणं काऊए पलियमसंखं च उक्कोसा (१४३३) तेण परं वोच्छामि तेऊलेसा जहा सुरगणाणं भवणवइयाणमंतर जोइसवेमाणियाणं च (१४३४) पलिओथमं जहां उक्कोसा सागरा उ दुत्रहिआ पलियमसंखेोणं होइ भागेण तेऊए
(१४१५) दसवाससहस्साई तेऊए ठिई जहत्रिया होइ दुशुद्धही पलि ओवम असंखभागं च उक्कोसा (१४१९) जा तेऊए ठिई खलु उक्कोसा सा उ समयमन्महिया जत्रेण पहाए दस उ मुहुत्ताहियाई उक्कूकोसा (१४१७) जा पम्हाए ठिई खलु उक्कोसा साउ समयममहिया जत्रेण सुक्काए तेत्तीस मुहुत्तममहिया ( १४३८) किण्हा नीला काऊ तिनि वि एयाओ अहम्मलेसाओ एयाहि तिहिवि जीवो दुग्गई उववज्जई बहुसो (१४३९) तेऊ पम्हा सुक्का तित्रिवि एयाओ धम्मलेसाओ एयाहि तिहिवि जीवो सुग्गई उबवजई (१४४०) लेसाहिं सव्वाहिं पढमे समयम्मि परिणयाहिं तु नहु कस्सइ उववाओ परे भये अस्थि जीवस्स (१४४१) साहिं सव्वाहिं चरमे समयम्मि परिणयाहिं तु न वि कस्सइ उववाओ परे भवे होइ जीवस्स ( १४४२) अंतमुहुत्तम्मि गए अंतमुहुत्तम्मि सेसए चेव साहि परिणयाहिं जीवा गच्छति परलोयं (१४४३) तम्हा एयासि लेसाणं आणुभावे वियाणिया
(१४४४) सुणेह मे एगग्गमणा मग्गं बुद्धेहि देसियं । जमायरंतो भिक्खू दुक्खाणंतकरे भये (१४४५) गिवासं परिज पवज्जं अस्सिओ मुणी इमे संगे वियाणिना जेहिं सांति माणवा (१४४६) तहेव हिंसं अलियं चोखं अबंभसेयणं इच्छाकामं च लोमं च संजाओ परिवज्जए
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अप्पसत्याओ यजित्ता पसत्याऔऽ हिट्टिए मुणि-त्ति बेमि || || १३५२ ॥ - 01
चतीसह असवर्ण समत्तं ●
पणतीसइमं अज्झयणं - अणगारमग्गगई
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