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(२८६) सज्झमसज्क्षं कां सज्झं साहिजए न उ असझं जो उ असझं साहइ किलिस्सइ न तं च साहेई (२८७) आहाकम्मियभायणपफोडण काउ अकयए कप्पे गहियं तु ति सुहुमपूई धोवणमाईहिं परिहरणा (२८८) धोयंपि निरावयवं न होइ आहच कम्पगहणंमि नय अद्दव्वा उ गुणा मनई सुद्धा कओ एवं ( २८९) लोएवि असुद्वगंधा विपरिणया दूरओ न दूसंति न य मारति परिणया दूरगया अवि विसावयवा (२९०) सेसेहि उ दव्वेहिं जावइयं फुसइ तत्तियं पूई लेवेहि तिहिउ पूर्व कप्पइ कप्पे कए तिगुणे (३९१) इंधणमाई मोतुं चउरो सेसाणि होति दव्वाइं तेर्सि पुण परिमाणं तयप्यमाणाउ आरम्भ (२९२ ) पढमदिवसंमि कम्मं तिनि उ दिवसाणि पूइयं होइ पूईसु तिसु न कप्पड़ कप्पइ तइओ जया कप्पो ( २९३ ) समणकडाहाकप्पं समणाणं जं कडेण मीसं तु आहार उवहि वसही सव्वं तं पूइयं होइ (२९४) सडूढस्स थे दिवसेषु संखडी आसि संघमत्तं वा पुच्छितु निउणपुच्छं संलावाओ वऽगारीणं (२९५) मीसज्जायं जावंतियं च पासंडिसाहुमीसं च सहसंतरं न कप्पइ कप्पइ कप्पे कए तिगुणे (२१५) दुग्गासे तं समइच्छिउं व अद्धाणसीसए जत्ता सड्ढी बहुभिक्खयरे मीसज्जायं करे कोई (२९७) जावंतद्वा सिद्धं नेयं न एइ तं देह कामियं जइणं बहुसु व अपहुष्यंते भणाइ अपि रंधेह (२९८) अत्तट्ठा रंघते पासंडीपि बिइयओ भणइ निष्पट्ठा तइओ अत्तट्ठाएऽ वि रंधते सो होइ ( १९९ ) विसघाइयपिसियासी परइ तमत्रोवि खाइउं परइ इय पारंपरमरणे अनुमरइ सहस्ससो जाव (३००) एवं मीसायं चरणप्पं हणइ साहु सुविसुद्धं तुम्हा तं नो कम्पइ पुरिससहस्संतरगयंपि (३०१) निच्छोडिए करीसेण वावि उच्चट्टिए तओ कप्पा सुक्खावित्ता गिण्हइ अन चउत्थे असुक्केऽवि (३०२) सट्टाणपरट्ठाणे दुविहं ठवियं तु होइ नायव्यं खीराइ परंपरए हत्यगय धरंतरं जाव (३०३) चुल्ली उवचुल्ली वा ठाणसठाणं तु पायणं पिढरे साणामि य भायणड्डाणे य चउभंगो
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Fistryfer - (22)
IRERN-262
॥२६३ ॥ 263
॥२६४॥-284
॥२६५॥1-268
॥२६६॥-288
॥२६७॥-267
२६८|-268
||२६९॥-269
१२७०।1-270
२७१।1-271
॥२४॥ भा. - 24
॥२७२॥-272
॥२७३॥-273
॥२७४१-274
१२७५॥-275
॥२७६॥ 276
॥२७७|| 277
॥२५॥ मा.-25