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गड़ा-२०७९
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(२०७१) असतीय फासूयस्सा तससहिए कंदबीयसहिए वा
किं कारण तेण विणा आसुं पाणक्खओ होजा || ल १४४ (२०८०) तरमाणों गेण्हती सुद्धं अतरो पेल्ले तह संथरे संथरंतो उ ण्हंतो पावति सद्वाणपच्छित्तं ( २०८१) सत्तदुए दसए वा अणेगठाणेण वा भवे गहणं एत्तो तिगातिरित्तं गच्छे गहणं तु भइयव्वं (२०८२) पिंडेसण पाणेसण सत्तदुगे तं तु होइ नायव्वं दसगं एसणदोसा नेगट्ठा हा नुग्गमे दोसा ( २०८३) एत्तो तिगातिरितं उग्गमउप्पायणेसणाऽसुद्धं मजियंति तस्सऽ सतीए असुद्धपि
(२०८४) एसो उ पेरकप्पो वोच्छं अनुपाणलाणए कप्पं तु अनुपालेति सुविहिया गच्छं विहिणा उ जेणं तु (२०८५) परियट्टी परियतओ य दुविहो पुणोवि एक्केक्को उवसग्गखेत्तकालावसेण अजाण परिवट्टी ।। १३८ (२०८६) परियट्टियव्वयं खलु परियट्टी चैव होइ एगठ्ठे समणा समणीओ या दुविहं परियट्टियव्वं तु (२०८७) समणपरियट्ट दुविहो आयरिओ बीयओ उवज्झाओ संजइपरियो पुण तिविहो तु पवत्तणी तइया (२०८८) समणिपरियट्टि दुविहा विहिपरियट्टी प अविहिए चेव जतिणिय परियट्टियव्वा नियमेणं कारणेनिमिणा
( २०८९) ताओ बहूसग्गा तेणादिदुसंचराणि खेत्ताणि कालयसेण य संपति जायति लोगस्स पंतत्तं (२०१०) तम्हा सव्वपयत्तेण रक्खियव्वा उ ताओ नियमेण नवि सतिरा मोत्तव्या मा होखा तासि उ बिनासो (२०११) संविग्गगीयपरिणओ तासिं परियट्टओ अनुष्णाओ होइ पुण अणरिहो खलु परियष्ट्टी ऊ इमो तासि (२०९२) अबहुसुए अगीयत्ये तरुणे मंदधम्मिए
कंदापी सीलगट्टाए अविही दाणे य गहणे य (२०१३) बहुसुयगीय जहशो आयासगमादि जाव आयारो ते अग्गीतऽ बहुस्सुत तिन्ह समानारतो तरुणी (२०१४) जो उजोगं न कुणति चरणे सो होइ मंदधम्मो उ अणिहुयउल्लावादी सरीरकुवि रुद्द ओय कंदष्पी (२०१५ ) निक्कारणे अणट्ठा संजतिवसही उपाए जो उ निक्कारणमविहीए जो देती गिण्हती यावि (२०१६) एयारिलो उ अजाणं परियट्टी उ न कप्पति कारणेहिं इमेहिं तु गम्मइ अजाणुवस्सयं
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