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गयास-२८७
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(२८७) एक्का य होइ रयणी अड्डेवय अंगुलाई साहीया ।
एसा खलु सिद्धाणं जहण्ण ओगाइणा मणिया (२८८) ओगाहणाइ सिद्धा मपत्तिमागेण हुँति परिहीणा |
संठाणमणित्यंत्यं जरा-मरणविप्पमुक्काणं (२८९) जत्य य एगो सिद्धो तत्व अनंता भवक्खयविमुक्का!
अन्नोन्नसमोगाढा पुट्ठा सब्वे अलोगते (२९०) असरीराजीवघणा उवउत्ता सणे य नाणे य।
सागारमणागारं लक्खणमेयं तु सिद्धाणं (२९१) फुसइअनंते सिद्धे सव्वपएसेहिं नियमप्तो सिद्धो।
ते वि असंखेनगुणा देस-पएसेहिं जे पुडा (२९२) केवलनाणुवउत्ताजानंती सव्वभावगुण-पावे।
पासंति सव्यओ खलु केवलदिट्ठीहऽणताहिं (२९३) नाणम्मिदंसणम्मि य इत्तो एगयरयम्मि उवउत्ता |
सध्यस्स केवलिस्साजुगवं दो नत्यि उपओगा (२९४) सुरगणसुहं सपत्तं सव्वापिंडियं अनंतगुणं।
न वि पावइ मुत्तिसुहं नंताहिं वागवाहिं (२९५) न वि अस्थि माणुसाणंतंसोक्खं न दिय सव्यदेवाणं।
जं सिद्धाणं सोखं अव्दाबाहं उवगयाणं (२९६) सिद्धस्स सुहो रासी सव्वद्धापिंडिओजइ हविज्ञा।
नंतगुणदग्गुमइओ सव्वागासे न माएका (१९७) जह नाम कोइ मिच्छो नयरगुणे बहुयिहे वियाणंतो।
नचएइ परिकहेउं उवमाए तहिं असंतीए (२९८) इअ सिद्धाणं सोक्खं अनोयम नत्यि तस्सओवयं।
किंचि विसेसेणितो सारिक्खमिणं सुणह योच्छं। (२१९) जह सव्वकामगुणियं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोई।
तण्डा-छुहाविमुक्को अशिद्ध जहा अभियतित्तो (३००) इय सव्यकालतित्ता अउलं निन्दाणमुवगया सिद्धा।
सासयमव्वावाहं चिट्ठति सुही सुई पत्ता (३०) सिद्धत्तिय बुद्धतिय पारगयति यपरंपरगयति ।
उम्मुक्ककम्पकवया अजरा अमरा असंगाय । (३०२) निच्छित्रसव्वदुक्खा जाइ-जरा-मरण-बंधनविमुक्का |
सासयमव्वाबाहं अनुएंति सुहं सयाकालं (५०३) सुरगणइद्धि समग्गा सव्यापिंडिया अनंतगुणा।
नविपावे जिगइदिनंतेहि विवागवागूहिं
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