________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२५३॥
२५६॥
॥२५७॥
॥२५८॥
॥२६॥
गाह-२५३ (२५३) छब्बीस जोयणसया पुढवीणं ताण होइ बाहलं ।
सणंकुमार-माहिदेश्यणविचित्तायसा पुढवी (२५४) तत्थ य नीला लोहिय हालिद्दा सुक्किला विरायंति। छच्च सए उब्बिद्धा पासाया तेसु कप्पेसु
॥२५॥ (२५५) तत्थाऽऽसणा बहुविहासयणिजाय मणिभत्तिसयचित्ता। विरइयवित्थडदूसारपणामयदामऽलंकारा
॥२६५॥ (२५६) पनावीसंजोयणसयाइंपुढवीण होइ बाहलं !
बंपय-लंतयकप्पे रयणविवित्ताय सा पुढवी (२५७) तत्य यिमाण बहुविहा पासायाय मणिवेइयारमा।
वेरुलिथुपियागा रपणामयदामऽलंकारा (२५८) लोहिय हालिद्दा पुण सुक्किलवण्णा य ते विराति।
सत्ततए उबिद्धा पासाया तेसुकप्पेसु (२५९) चउवीस जोयणसयाई पदवीणंतासि होइ बाहलं ।
सुक्के य सहस्सारे रयणविचित्ता य सा पुढवी ॥२५॥ (२६०) तत्य विमाण बहुविहा पासाया य मणिबेइयारम्मा |
वेरुलियधूपियागा रयणामयदामऽलंकारा (२५१) हालिद्दभेयवण्णा सुक्किलवण्णा य ते विरायंति । अहसते उबिद्धा पासाया तेसु कप्पेसु
(२६॥ (१६२) तत्याऽऽसणा बहुविहा सयणिज्जा य मणिभत्तियसयवित्ता। बिरइयवित्थडदूसारयणामयदामऽलंकारा
२६२१॥ (२६३) तेवीस जोयणसयाई पुढवीणं तासि होइ बाहालं।
आणय-पाणपकप्पे आरण-ऽचुए रयणविचित्ता उसा पुढवी॥२६३।। (२६४) तत्ययिमाण बहुयिहा पासाया य मणियेइयारम्मा । वेरुलियथूभियागा रयणामयदामऽलंकारा
२६४॥ (२६५) संखंकसनिकासा सम्बेदगरय-तुसारसरिवण्णा । नव य सते उबिद्धा पासाया तेसुकप्पेसु
॥२६॥ (२६६) बावीसजोयणसयाइंपुढवीणं तासि होइ बाहरलं । गेवेजविमाणेसुंरयणविचित्ता उ सा पुढवी
॥२६॥ (२६७) तत्य विमाण बहुविहा पासाया य मणियेइयारम्मा। वेरुलियथूमियागारयणाभयदामऽलंकारा
IR६७|| (२६८) संखकसन्निकासा सने दगरय-तुसारसरिवण्णा । दस य सए उबिद्धा पासाया ते विरायंति
॥२६॥ (२६९) इगवीस जोयणसयाई पुढवीणं तासि होइ बाहल्लं ।
पंचसु अनुतरेसुरयणविचित्ता उ सा पुढवी
||२६९||
For Private And Personal Use Only