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पन्नवणा-१७/4/-NET से नूणं भंते सुक्कलेस्सा पम्हलेस्सं पप्प नो तारूवत्ताए जाव मुजो-मुझो परिणिमति हंता गोयमा सुक्कलेस्सा जाव परिणति से केण्डेणं मंते एवं वुद्यति० गोयमा आगारभावमाताए चा जाव सुक्कलेस्सा णं सानो खलु सा पम्हलेस्सा तस्य गताओसक्कति से तेणटेणं गोयमा एवं वुबइ जाव नो परिणमति।२३१1-231
सतरसपे पये पंचपो उसे मोसमतो.
-: छ हो- हे स ओ :(४७०) कतिणं भंते लेस्साओ पत्रत्ताओ गोयमा छल्लेसाओ पनत्ताओ तं जहा-कालसेस्सा जाय सुक्कलेस्सा, मणूसाणं भंते कति लेस्साओ पत्रताओ गोयमा छलेसाओ० पच्छा कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा, मणूसीणं पुच्छा गोयमा छलेसाओ पत्रताओ तं जहा कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा, कम्मभूममणूसाणं पुच्छा गोयमा छलेस्साओ पनत्ताओ त रु. हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा एवं कम्मभूमयमणूसीण विभरहेरवयमणूसाणं पुच्छा गोयमा छल्लेस्साओ पन्नत्ताओं ते. जहा कण्लेस्सा जाव सुक्कलेस्सा एवं मणुस्सीण वि पुव्वविदेह-अवरविदेहकम्मभूमयमणूसाणं पुच्छा गोवमा छ लेसाओ पनत्ताओ तं जहा-कपहलेस्सा जाव सुककलेस्सा एवं मणसीण वि, अकम्मभूमयणूसाणं पुच्छा गोयमा चत्तारि लेस्साओ पन्नत्ताओ तं जहा-कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा एवं अकम्मभूमयमणूसीण वि एवं अंतरदीवयमसाणं मणूसीणं वि हेमवय-एरण्णवयअकम्पमूमयपणूसाणं मणूसीण य पुच्छा गोयमा चत्तारि तं जहा-कण्हलेस्सा जाय तेउलेस्सा, हरिवासरम्भयअकम्मभूमयमणुस्साणं मणूसीण य पुच्छा गोयमा चत्तारितंजहा कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा, देवकुरूत्तरकुरुअकम्मभूमयमणुस्साणं एवं चेव एतेसिं चेव मणुसीण एवं चेव, धायइसंडपुरिमद्धे एवं चेव पच्छिमद्धे वि एवं पुक्खरद्धे वि भाणियव्वं, कण्हलेस्से णं मंते मणूसे कण्हलेस्सं गमं जणेजा हंता गोयमा जणेजा, कण्हलेस्सेणं मंतेमणसे नीललेस्संगमंजणेजा हंता गोयमाजणेना, एवं काउलेस्सं तेउलेस्सं पाहलेस्संसुक्कलेस्संछप्पिआलावगाभाणियव्वा, एवं नीललेसेणं काउलेसेणं तेउलेसेण यि पहलेसेण वि सुक्कलेसेण वि एवं एते छत्तीसं आलावगा, कण्हलेस्सा णं मंते इस्थिया कण्हलेस्सं गब्मंजणेजा हंता गोयमा जणेजा एवं एते विछत्तीसं आलावगा, कण्हलेसे णं मंतेमणूसे कण्हलेसाए इत्थियाए कण्हलेस्सं गढमंजणेशा हंता गोयमा जणेजा एवं एते विछत्तीसं आलावगा, कम्ममूमयकण्हलेस्से णं भंते मणुस्से कण्हलेस्साए इत्थीयाए कण्हलेसं गब्ब जणेजा हंता गोयमा जणेजा एवं एते वि छत्तीसं आलावगा, अकम्मभूमयकण्हलेसे णं मंते मणूसे अकम्पभूपय- कण्हलेस्साए इत्थियाए अकम्मभूमयकण्हलेस्सं गधे जणेजा हंता गोयमा जणेजा नवरं-चउसुलेसासु सोलस आलावगाएवं अंतरदीवगावि।२३२-231-R
• सत्तरसमे पये छटो उसओ समतो. अवारसमं कायट्टिइपयं
-: प मंदारं :(४७१) जीव गतिदिय काए जोगे वेदे कसाय लेस्साय सम्मत्त नाण दंसण संजय उवओग आहारे
॥२११||-1 (४७२) मासग परित्त पजत्तसहम सण्णीमवत्यिचरिमेय एतेसिं तु पदाणं कायठिई होति नायव्वा ।
॥२१२||-2 जीवेणं भंते जीवे त्ति कालओ केवचिरं होइ गोयमा, सम्बद्धं]
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