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उववाइयं- ४
तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई तहिं तेसि उववाए पन्नत्ते तेसि णं मंते देवाणं केवइयं कालं ठिई पनत्ता गोयमाचउरासीइवाससहस्साईठिई पत्नत्ता अत्यिणं भंते तेसिं देवाणंइड्ढीइ वा जुईइ चाजसेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिस्सारपरक्कमेइ या हंताअस्थि तेणं मंते देवा परलोगस्स आराहगा नो इणढे सपट्टे
__ से जे इमे गंगाकूला वाणपत्था ताबसा भवंति तं जहा-होत्तिया पोत्तिया कोतिया जण्णई सड्ढईथालई हुंबउट्ठा दंतुस्खलियाउम्मजगासम्मजगानिमज्जगासंपरखाला दक्खिणकूलगाउत्तरकूलगा संखधगा कूलधमगा मिगलुद्धगा हस्थितावसा उदंडगा दिसापोक्खिणो वाकवासिणो विल-वासिणो जलवासिणो रुक्खमूलिया अंबुमक्खिणो वाउभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहारा पत्ताहारा पुष्पाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडिय-कंद-मूल-तय-पत्त-पुप्फफलाहाराजलाभिसेयकदिणगायाआयावणाहिं पंचग्गितावेहिं इंगालसोल्लियं कंदुसोल्लियंकट्ठसोल्लियं पिर अप्पाणं करेमाणा बहूई वासाइं परियागं पाउणंति पाउणित्ता कालमासे कालं किया उक्कोसेणं जोइसिएसु देवेसु देवत्ताए उवयत्तारो भवंति [तहिं तेसिं गई तहिं तेसि ठिई तहिं तेसिं उववाए पत्रत्ते तेसिणंभंते देवाणं केवइयं कालं ठिईपन्नत्ता गोयमा पलिओचमवाससयसहस्सममहियंटिई पनत्ता अस्थि णं भंते तेसि देवाणं इड्डीइ वा जुईइ वा जसेइ वा बलेइ वीरिएइ वा पुरिसककारपरकूकमेइ वा हंता अस्थि तेणं भंते देवा परलोगस्स आराहगा नो इणद्वे समढे से जे इमे गासागर[नयर-निगम-रायहाणि-खेड - कब्बड-दोणमुह - मडंव-पट्टणासम-संदाह-सण्णिवेसेसुपब्बइया सपणा मयंति तं जहा कंदप्पिया कुक्कुइया मोहरिया गीयरइप्पिया नच्चणसीला तेणं एएणं विहारेणं विहरमाणा यहूई वासाई सामण्ण परियागं पाउणंति पाउणिता तस्स ठाणस्स अगालोइपपडिक्कंता कालमासे कालं किच्चा उनकोसेणं सोहम्मे कप्पे कंदप्पिए देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति तिहिं तेसिं गई तर्हि तेसिं ठिई तेसिं उववाए पत्रत्ते तेति णं मंते देवाणं केवइवं कालं टिई पन्नत्ता गोयमा पलिओवमं वाससयसहस्सममहियंठिई पन्नता अस्थिणं भंते तेसिंदेवाणंइड्ढीइ वा जुईई या जसेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसककारपरकूकमेइ वा हंता अस्थि तेणं भंते देवा परलोगस्स आराहगा नो इणद्वे समझे) से जे इमे गामागर-नियर-निगम-रायहाणि-खेड-कब्बडदोणसुह मडब-पट्टणासम-संबाह-सण्णिवेसेसु परिव्वाया भवंति तं जहा-संखा जोगी काविला भिउव्वा हंसा परमहंसा बहुउदगा कुलिव्यया कण्हपरिवाया तत्थ खलु इमे अट्ठ माहणपरिवाया भवंतितं जहा 1३८-91-38-1 (४५) कंडू य करकंटे य अंबडे य परासरे कम्हे दीवाचाणे चेव देवगुत्ते य नारए
||६||-1 (४६) तत्थ खलु इमे अट्ट खत्तिय-परिव्याया भवंति तं जहा ।३८-२/ (४७) सीलई मसिहारे नगई भग्गई तिय विदेहे राया रामे लेत्तिय
७||-2 (४८) ते णं परिव्वया रिउवेद-यजुव्वेद-सामवेद-अहव्वणवेद-इतिहासपंचमाणं निघंटछठाणं संगोवंगाणं सरहस्साणं चउण्हं वेदाणं सारगा पारगा धारगा सडंगवी सद्वितंतविसारया संखाणे सिक्खकप्पे वागरणे छंदै निरुत्ते जोइसामवणे अन्नेसु च बहतु बंभण्णएसु य सत्थेसु सुपरिणिठिया यावि होत्या ते णं परिब्बया दाणधम्मं च सोवधम्पं च तित्थाभिसेयं च आघवेमाणा पत्रमाणा
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