________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सुपक्खंघो-२, वणी-१, अन्झयण-२
महावीरेणं जाव संपत्तेणं पढमस्स वग्गस्स पढमज्झयणस्स अयमढे पनत्ते त्ति बेमि।१५४|-148
बीएसयक्खंघे पढमे वणे पटर्म अणमायणंसफ्तं.
__ - बी अंअज्झ य जं-राई :(२२१) जइ णं मंते समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं धम्मकहाणं पढमस्स चगस्स पढमझयणस्स अयपटुं पत्रते बिइयस्स णं मंते अज्झयणस्स समणेणं भगवया महावीरेणं जावसंपत्तेणं के अट्ठ पत्रत्ते एवं खलु जंबू तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे गुणसिलए चेहए सामी रामोसढे परिसा निग्गवा जाव पजुवासइ तेणं कालेणं तेणं सपएणं राई देवी चमरचंचाए रायहाणीए एवं जहा काली तहेव आगया नट्टविहि उवदंसित्ता पडिगया तेति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीर वंदइ नमसइ वंदिता नमंसित्ता पुव्यभवपुच्छा [गोयमाति समणे भगवं पहावीरे भगवं गोयमं आमंतेत्ता एवं बवासी-एवं खलु गोयमा तेणं कालेणं तेणं समएणं आमलकप्पा नयरी अंवसालवणे चेइए जियसत्तू राया राई गाहावई रायसिरी भारिया राई दारिवा पासस्स समोसरणं राई दारिया जहेव काली तहेव निक्खंता तए णं सा राई अन्ना जाया तए णं सा राई अना पुष्फचूलाए अज्जाए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिजइ तए णं सा राइ अना अण्णया कयाइ सरीरबाउसिया जाया या वि होत्या तए णं सा राई अन्जा पासत्या तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किया चमाचंचाए रायहाणीए राबवंडिसए भवणे उववायसभाए देवसयणिजंसि देवदूसंतरिया अंगुलस्स असंखेज्जाए भागमेत्ताए ओगाहणाए राईदेवित्ताए उववण्णा जाव] अंतं काहिड़ एवं खलु जंबू [समणेणं भगवया महावीरेणं दजव संपत्तेणं पढमस्स बग्गस्स विइयज्झयणस्सा अयपढे पन्नत्तेत्ति बेमि।१५५-१1-1491
.वीए सयक्वंपे पढमे वो बीअझयणंसपत्तं.
-: त इ यं अ य य -र य जी :(२२२) जइ णं भंते [समणेणं भगवया महावीरेणं धम्मकहाणं पढमस्स वग्गास विइयज्झयणस्स अयमट्टे पत्रत्ते तइयस्स णं भंते अज्झयणस्स समणेणं भगवया महावीरेणं के अट्टे पन्नत्ते एवं खलु जंबू रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सामी समोसढे तेणं कालेणं तेणं समएण रयणी देवी चमरचंचाए रायहाणीए आगया भंतेति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसिता पुवभवपुच्छा गोवमाति समणे मगवं महावीरे भगवं गोयमं आमंतेत्ता एवं वयासी-एवं खलु गोयमा तेणं कालेणं तेणं समएणं] आमलकप्पा नपरी अंबसालवणे चेहए जियसत्तू राया रयणे गाहावई रवणसिरी भारिया रयणी दारिया सेसं तहेव जाव अंतं काहिइ
1१५५-२0-140-2 • बीए सुयक्लंघे पढमे वगेतइयं अन्झयणंतपत्तं.
-: च उ त्थं अज्झ य पं-वि :(२२३) एवं विल्लू वि-आमलकप्पा नयरी विजू गाहावई विजूसिरी भारिया विजू दारिया सेसंतहेब।१५५-३।-149-3
.बीए सयक्वंषे पहले वो चउत्यं अापणं समतं.
-: पंच मं अ य य णं-मे हा :(२२४) एवं मेहा वि-आमलकप्पाए नवरीए मेहे गाहावई मेहसिरी भारिया मेहा दारिया
For Private And Personal Use Only