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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नापापम्पकहाओ - २/9/9/२२० गोयमाति सपणे भगवं पहावीरे भगवं गोयमं आमंतेत्ता एवं वयासी-एवं] खलु गोयमा तेणे कालेणं तेणं समएणं इहेद जंबद्दीवे दीवे मारहे वासे आमलकप्या नामं नयरी होत्या-वण्णओ अंवसालवणे चेइए जियसत्तू राया तत्थ णं आमलकप्पाए नयरीए काले नाम गाहावई होत्या-अड्ढे जाव अपरिभूए तस्सणं कालस्स गाहावइयस्स कालसिरी नामं मारिया होत्या-सुकुमालपाणिपाया जाय सुरूदा तस्स णं कालस्स गाहावइस्स धूया कालसिरीए मारियाए अतया काली नामंदारिया होत्या-वड्डा वड्डकुमारी जुण्णा जुण्णकुमारी पडियपुयत्यणी निविण्णवरा वरगपरिवज्जिया वि होत्या तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए आइगरे [तित्थगरे सहसवुद्धे पुरिसोत्तमे पुरिससीए पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अभयदए वक्खुदए मागदए सरणदए जीवदए दीवो ताणं सरणं गई पइट्ठा धम्पवरचाउरंत-चक्कवट्टी अप्पडिहय-वरनाणदंसणधरे वियदृच्छउमे अरहा जिणे केवली जिणे जाणए तिण्णे ताए मुत्ते मोयए बुद्धे बोहए सव्वण्णू सव्वदरिसी नवहत्थुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वारिसहनारायसंघयणे जल्लमल्लकलंकसेय- रहियसरीरे सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तमं सिद्धिगइनामधेशं ठाणं संपावि- उकामे सोलसाहिं समणसाहस्सीहिं अनुत्तीसाए अज्जियासाहस्सीहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुब्बिं चरमाणे गामाणुगामं दूइजमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे आमलकप्पाए नयरीए बहिया] अंबसालवणे समोसढे परिसा निग्गया जाव पञ्जुवासइ तए णं सा काली दारिया इसीसे कहाए लद्धट्टा समाणी हट्ठ-[तुट्ट चित्तमाणंदिया पीइमणा परमसोमणस्सिया हरिसवस-विसप्पमाण हियया जेणेव अम्मा- पियरो तेणेव उवागच्छइ उवागछित्ता करयल परिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कड्ड एवं वया एवं खलु अप्मयाओ पासे अरहा पुरिसादाणीए आइगरे तित्थगरे इहमागए इह संपत्ते इह सपोसढे इह चेव आमलकप्पाए नपरीए अंवसालवणे अहापडिरूवें ओग्गई ओहिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं मावेमाणे] विहरइ तं इच्छामिणं अप्पयाओ तुडभेहिं अमणुण्णाया समाणी पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स पायबंदिया गमित्तए अहासुहं देवाणुप्पिए मा पडिबंधं करेहि तए णं सा काली दारिया अम्मापिईहिं अभणुण्णाया समाणी हट्ट [तु-चित्तमाणंदिया पीइमणा परमसोमणस्सिया हरिसवस-विसम्पमाण] हियया व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउय- मंगल- पायच्छिता सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्याइ पवर परिहियया अप्पमहग्धाभरणालंकियसरीरा चैडिया-चककवाल-परिकिण्णा साओ गिहाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता धम्मियं जाणपवरं दुरूढा तए णं सा काली दारिया धम्मियं जाणप्पवरं दुरुवा समाणे एवं जहा देवई तहा पञ्जुवासइ तए णं पासे अरहा पुरिसादणीए कालीए दारियाए तीसे य महइमहालियाए परिसाए धम्मं कहेइ तए णं सा काली दारिया पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स अंतिए धम्मं सोचा निसप्म हट्ट- [तुट्टचित्तमाणंदिया पीइमणा परमसोमणस्सिया हरिसवस-यिसप्पपाण] हियया पासं अरहं परिसादाणीयं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासीसद्दहामि गं भंते निगंथं पावयणं जाब से जहेयं तुमे वयह जं नवरं देवाणुप्पिया अम्मापियरो आपुच्छामि तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिए [मुंडे भविता णं अगाराओ अणगारिय] पव्वयामि अहासुहं देवाणुप्पिया ते णं सा काली दारिया पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं एवं वुत्ता समाणी हङ-[तुट्ट-चित्तमाणंदिया पीइमणा परमसोणस्सिया हरिसवस-विसप्पमाणहियया] पासं अरहं वंदइ For Private And Personal Use Only
SR No.009732
Book TitleAgam 06 Nayadhammakahao Angsutt 06 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages182
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 06, & agam_gyatadharmkatha
File Size4 MB
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