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सुपक्खंयो-१, अापणं-१६
१३९ पविती वा] उवलद्धा तए णं से कच्छुल्लनारए कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया अण्णया घायइसंडदीवे पुरत्यिमद्धं दाहिगड्ढे-मरहवासं अवरकंका-रायहाणिं गए तत्थ णं मए पउमनाभस्स रण्णो भवणंसि दोबई-देवी-जारिसिया दिट्ठपुव्वा यावि होत्था तए णं कण्हे दासुदेवे कच्छुल्लनारयं एवं वयासी तुभं चेव णं देवाणुप्पिया एवं पुव्यकम्मं तए णं से कच्छुलनारए कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे उप्पयणिं विजं आवाहेइ आवाहेत्ता जामेव दिसिं पाउदभूए तामेव दिसिं पडिगए
___ तए णं से कण्हे वासुदेवे दूयं सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया हस्थिणाउरं नयरं पइसस रण्णा एवमटुं निवेएहि-एवं खलु देवाणुप्पिया धायसंडदीवे पुरस्थिपद्धे दाहिणत-भरहवासे अबरकंकाए रायहाणीए पउमनाभभावणंसि दोबईए देवीए पउत्ती उवलद्धा तं गच्छंतु पंच पंडवा चाउरंगिणिए सेणाए सद्धिं संपरिवुडा पुरस्थिम-वेवानीए ममं पडियालेमाणा चिद्वंतु तए णं से दूए भणइ जाव पडिवालेमाणा चिट्ठह तेवि जाव चिट्ठति तए णं से कण्हे वासुदेये कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं बबासी-गच्छह णं तुटभे दवाणुप्पिया सत्राहियं भेरि तालेह तेवि तालेति तए णं तीए सत्राहियाए भेरीए सई सोचा समुद्दविजयपामोक्खा दस दसारा जाव छप्पन बलवगसाहसीओ सपणद्ध-वद्ध (वप्मिय-कवया उप्पीलियसरासण-पट्टिया पिणद्ध-गेविना आविद्ध-विमल-बरचिंघ-पट्टा] गहियाउह पहरणा अप्पेगइया हयगया अप्पेगइया गयगया जाव पुरिसवगुरापरिक्खिता जेणेव सभा सुहम्मा जेणेब कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छति उवागच्छिता करयल [परिग्गहिवं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कटु जएणं विजएणं वद्धावेति तए णं से कण्हे वासुदेवे हत्यिखंधवरगए सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेववर चामराहि वीइनमाणे हय-गय-रह-पवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुड़े महयाभड- चडगररह-पहकर-विंदपरिक्खित्ते बारवईए नयरीए मज्झमज्झेणं निगच्छइ निगच्छित्ता जेणेव पुरस्थिमवेवाली तेणेव उवागच्छइ उवागच्छिता पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं एगयओ मिलइ मिलित्ता खंधावारनिवेसं करेइ करेत्ता पोसहसालं अनुप्पविसइ अनुप्पविसित्ता सुट्ठियं देवं मणसीकरेमाणेमणीसकरेमाणे विट्ठइ तए णं कण्हस्स यासुदेवस्स अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि सुडिओ जाव आगाओ भणंतुणं देवाणुप्पिया जं मए कायच्वं तएणं से कण्हे वासुदेवे सुट्टियं देवं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया दोवई देवी [धायईसंडदीवे पुरथिमद्धे दाहिणढ-भरहवासे अवरकंकाए रायहाणीए] पउमनाभभवणंसि साहिया तण्णं तुमं देवाणुप्पिया मम पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछहास छण्हं रहाणं लवणसमुद्दे मग्गं वियराहिं जेणाहं अवरकंकं रायहाणि दोवईए कूवं गच्छामि
तएणं से सुटिए देवे कण्हं वासुदेवं एवं क्यासी-किण्णं देवाणप्पिया जहा चेव पउमनाभस्स रणो पुव्यसंगइएणं देवेणं दोवई देवी [जंबुद्दीवाओ दीवाओ भारहाओ वासाओ हस्थिणाउराओ नयराओ जुहिडिलरस रण्णो भवणाओ] साहिया तहा चेव दोवई देवि धायईसंडाओ दीवाओ भारहाओ [वासाओ अवरकंकाओ रायहाणीओ पउमनाभस्स रण्णो भवणाओ] हत्यिणाउरं साह. रामि उदाहु--पउमनाभं रायं सपुरवलवाहणं लवणसमुद्दे पक्खिवामि तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्ठियं देवं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिया [जहा चेव पउमनाभस्स रण्णो पुव्वसंगइएणं देवेणं दोवई देवी जंबुद्दीबाओ दीवाओ भारहाओ वासाओ हस्थिणाउराओ नयराओ मुहिडिलस्स रण्णो भवणाओ साहिया तहा चेव दोवइं देवि धायईसंडाओ दीवाओ भारहाओ वासाओ अवरकंकाओ
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