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तायं सतं - उद्देसो-४ हंता पभूपभूणं भंते वलाहए एगं महं हत्यिरूपं परिणामेत्ता अणेगाई जोयणाई गतित्तए हंता पभू से भंते किं आइड्ढीए गच्छइ परिड्डीए गच्छइ गोयमा नो आइड्ढीए गच्छइ परिड्ढीए गच्छा [से भंते किं आयकम्मुणा गच्छइ परकम्मुणा गच्छइ से भंते किं आयप्पयोगेणं गच्छइ परणयोगेणं गच्छइ गोयमा नो आयप्पयोगेणं गच्छइ परप्पयोगेणं गच्छइ से भंते किं ऊसिओदयं गाइ पतोदयं गच्छद गोयमा ऊसिओदयं पि गच्छइ पतोदयं पि गच्छइ] से भंते किं यलाहए इत्थी गोयमा बलाहए णं से नो खलु सा इत्थी एवं पुरिसे आसे हत्थी पभू णं मंते बलाहए एगं महं जाणरूवं परिणामेत्ता अणेगाई जोयणाई गपित्तए जहा इत्यिरूवं तहा भाणियव्वं सेि भंते किं एगओचक्कवालं गच्छइ दुहओचक्कवालं गच्छइ गोयमा एगओचक्कवालं पि गच्छइ दुहओवकूकवालं पि गच्छइ जुग्ग-गिलि-थिल्लि-सीया-संदमाणिया तहेव १५७।-157
(१८७) जीवे णं भंते जे भविए नेरइएसु उववञ्जित्तए से णं भंते किंलेस्सेसु उववनइ गोयमा जल्लेस्साई दव्वाई परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेस्सेसु उवयब्जइ तं जहा कण्हलेस्सेसु वा नीललेस्सेसु वा काउलेस्सेसु वा एवं जस्स जा लेस्सा सा तस्स भाणियव्या जाव-जीवे णं भंते जे भविए जोइसिएसु उववजित्तए (से णं भंते किंलेस्सेसु उववजइ] गोयमा जल्लेसाई दव्दाई परिया- इत्ता कालं करेइ तल्लेप्सेसु उववनइ तं जहा-तेउलेस्सेसु जीवे णं मंते जे भविए वेमा-ि णएसु उववञ्जित्तए से णं भंते किंलेस्सेसु उववनइ गोयमा जल्लेस्साई दव्वाई परियाइत्ता कालं करेइ तल्लेस्सेसु उववज्जइ तं जहान्तेउलेस्सेसु वा पम्हलेस्सेसु वा सुक्कलेसे वा ।१५८!-158
(१८८) अणगारे णं भंते भाविअप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू वेभारं पव्वयं उल्लंघेतए वा पलंघेत्तए वा गोयमा नो इणढे समटे अणगारे णं भंते भाविअप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू वेभारं पव्वयं उल्लंघेत्तए वा पल्लंयेत्तए वा हंता पभू अणगारे णं मंते भाविअप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता जावइयाई रायगिहे नगरे रूवाई एवइयाई विकुब्विता वेभारं पव्वयं अंतो अणुपविसित्ता पभू समं वा विसमं करतए वित्तमं वा समं करेत्तए गोयमा नो इणढे समढे [अणगारे णं मंते भाविअप्पा वाहिरए पोग्गले परियाइत्ता जावइयाइं रायगिहे नगरे सवाई एवइयाई विकुवित्ता वेभारं पव्वयं अंतो अनुष्पविसित्ता पभू समं वा विसमं करेत्तए विसमं चा समं करेत्तए हंता पभू] से भंते किं माई विकुब्बइ अमाई विकुम्बइ गोयमा माई विकुब्बइ नो अमाई विकुबइ से केणटेणं मंते एवं बुच्चइ-माई विकुब्बइ नो अमाई विकुबइ गोयमा माई णं पणीयं पाण-भोयण भोच्चा-भोचा वामेति तस्स णं तेणं पीएणं पाणं-भोयणेणं अट्ठि-अदिमिजा बह-ली भवंति पयगुए पंस-सोणिए भवति जे वि य से अहाबायरा पोग्गला ते वि य से परिणमंति तं जहा-सोइंदियत्ताए {चिक्खिदियत्ताए पाणिंदियत्ताए रसिदियत्ताए] फासिंदियत्ताए अडि अट्टिमिज-केस-मंसु-रोप नहत्ताए सुक्कत्ताए सोमियत्ताए अपाई णं लूहं पाण-भोयणं भोच्चाभोचा नो वामेइ तस्स णं तेणं लूहेणं पाण-भोयणेणं अट्ठि-अट्टिजिा एयणूभवंति बहले मंससोणिए जे विय से अहाबायरा पोग्गला ते विय से परिणमंति तं जहा-उच्चारत्ताए पास- वणत्ताए [खेलताए सिंघाणत्ताए वंतताए पित्तत्ताए पूयत्ताए] सोणियत्ताए से तेणतुणं भंते एवं वुच्चइमाई विकुळ्ह] नो अपाई विकुव्यइ माई णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कते कालं करेइ नत्यि तस्स आराहणा अमाई णं तस्स ठाणस्स आलोइय-पडिक्कते कालं करेइ अस्थि तस्स आराहण सेवं भंते सेवं भंते त्ति ।१५२५-159
• तइए सते चउत्यो उदेसो समतो.
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