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सतं-१८, उद्देसो-५ नो पासादीए जाव नो पडिरूवे से केपट्टेणं भंते एवं बुच्चइ-तत्य णं जे से वेठब्वियसरीरे तं चेव जाव नो पडिस्वे गोयमा से जहानामए-इह मणुयलोगंसि दुवे पुरिसा भवंति-एगे पुरिसे अलंकियविभूसिए एगे पुरिसे अणलंकियविभूसिए एएसि णं गोयमा दोण्हं पुरिसाणं कवरे पुरिसे पासादीए जाव पडिरूवे कयरे पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे जे वा से पुरिसे अंलिकयवीभूसिए जे वा से पुरिसे अणलंकिय विभूसिए भगवं तत्थ णंजे से पुरिसे अलंकियविभूसिए सेणं पुरिसे पासादीए जाव पडिसवे तत्थ णंजे से पुरिसे अणलंकियविभूसिए से णं पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे से तेणद्वेणं जाव नो पडिलवे दो भंते नागकुमारा देवा एगंसि नागकुमारावासंसि एवं चेव जाव धणियकमारावाणमंतरा-जोतिसिय वेमाणिया एवं चेव १६२७1-628
(७३०) दो भंते नेरइया एगसि नेरइयावासति नेरइयत्ताए उववना तत्थ णं एगे नेरइए महाकम्मतराए चेव [महाकिरियतराए चेव महासवतराए चेव] पहायणतराए चेव एगे नेरइए अप्पकम्मतराए चेव [अप्पकिरियतराए चेव अप्पासवतराए चेव अप्पवेवणतराए चेव से कहमेचं भंते एवं गोवमा नेरइया दुविहा पन्नत्ता तं जहा मायिमिच्छदिडिववनगा य अमायिसप्मदिष्टिउबवनगा य तत्थ णं जे से माविमिच्छदिट्टिउक्वन्नए नेरइए से णं महाकम्मतराए चेव जाव महावेयणतराए चेव तस्थ णं जे से अमाविसम्मदिहिउववत्रए नेरइए से णं अप्पकम्मतराए चेव जाव अपयेयणतराए चेव दो भंते असुरकुमारा एवं चेय एवं एगिदिय-विगलिंदियवज्रं जाव वेमाणिया।६२८1-627
(७३८) नेरइए णं भंते अनंतरं उव्यट्टित्ता जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उबवजितए से पं भंते कयां आउयं पडिसंवेदेति गोयमा नेरइयाउयं पडिसंवेदेति पंचिंदियतिरिक्खजोणियाइए से पुरओ कड़े चिठ्ठति एवं पणुस्सेस वि नवरं-मणुस्साउए से पुरओ कडे चिट्ठति असुरकुमारे णं भंते अनंत उब्यट्टित्ता जे भविए पुढविकाइएसु उक्वजित्तए से णं भंते कयरं आउयं पडिसंवदेति] गोयमा असुरकुमाराइयं पडिसंवेदेति पुढविकाइयाउए से पुरओ कडे विट्ठति एवं जो जहिं भविओ उबवजित्तए तस्स तं पुरओ कडं चिट्ठति जत्थ ठिओ तं पडिसंवेदेति जाव वेमाणिए नवरं-पुढविकाइए पुढविकाइएसु उबवजति पुयिकाइयाउयं पडिसंवेदेति अण्णे व से पुढविकाइयाउए पुरओ कडे चिट्ठति एवं जाव मणुस्सो सट्टाणे उववाएतव्वो परहाणे तहेव
१६२९।-628 (७३९) दो भंते असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववन्ना तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे उज्जयं विउविस्सामीति उज्जुयं विउव्यइ वकं विउव्यिसामीति वंक विउब्बइ जं जहा इच्छइ तं तहा विउव्वइ एगे असुरकुमारे देवे उज्जुयं विउव्विस्सामीति वंक विउब्वइ बंक विउविस्सामीति उजुयं विउव्वइ जं जहा इच्छति नो तहा बिउब्बइ से कहमेयं भंते एवं गोचमा असुरकुमारा देवा दुविहा पन्नत्ता तं जहाभायिमिच्छदिट्ठीउववनगा य अमाविसम्मादिट्ठीउववन्नगा य तत्थ णं जे से मायिमिच्छदिहिउवन्नए असुरकुमारे देवे से णं उज्जुयं विउविस्सामीति वंकं विउव्यइ जाव नो तंतहा विउव्वइ तत्थ णंजे से अमायिसम्मदिवइउववन्नए असुरकुमारे देवे से णं उज्जुयं विउब्बिस्सामीति उजुयं विउब्बइ जाव तं तहा विउच्वइ दो भंते नागकुमारा एवं चेव एवं जाव थणियकुमारा वाणमंतरजोइसिय-वेमाणिया एवं चेव सेवं भंते सेवं भंते त्ति १६३०/-629
• अट्ठारसमे प्तते पंचमो उद्देसो समत्तो.
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