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सतं-१७, उद्देसो-४ वेमाणिचाणं सेवं भंते सेवं भंते ति।६०३1-802
सत्तरसमे सते चउत्यो उद्देसो सपतो.
-पंचमो-उद्दे सो :(७०८) कहिं णं भते ईसाणम्स देविंदस्स देवरण्णो समा सुहम्पा पन्नत्ता गोयमा जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्म उत्तरेणं इमीसे रयणप्रभाए पुढवीए बहुसरमणिजाओ भूमिभागाओ उड्ढे चंदिप-सूरिव-गहगण-नक्खत्त-तारारूदाणं जहा ठाणपदे जाव मझे ईसाणचडेंसए से णं ईसाणवडेंसए नहाविम्गणे अद्धतेरसजोयणसयसहस्साई-एवं जहा दसमसए सक्कदिमाणवत्तव्वया सा इह वि ईसागस निरवसेसा पाणियन्या जाव आयरक्ख ति ठिती गतिरेगाई दो सागरोवमाई सेसं वजाब ईस विंटे देवराया ईसाणे देविंदे देवराया सेवं भंते सेदं भंते त्ति १६०४1-603
सतरसपेसते पंचपो उद्देसो समतो.
___--: छ टो-उ सो :-- (७०९) पुढविकाइए णं ते इमीसे रयणप्पमाए पुढवीए समोहए समोहणित्ता जे भविए सोहम्पे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते किं युब्बि उववजिता पच्छा संपाउणेजा पुब्ि संपाउणिता पच्छा उववजेजा गोयमा पनि वा उववजिता पच्छा संपाउणेजा पुचि वा संपाउणित्ता पच्छा उक्वजेज्जा से केणनेणं जाव पच्छा उववजेजा गोयमा पुढविक्काइयाणं तओ समुग्धाया पत्रत्तातं जहा-वेदणासमुग्धाए कसायसमुग्धाए मारणंतियसमुग्धाए, मारणंतिवसमुगधाएणं सगोहण्णमाणे देसेणं वा समोहष्णति सव्येणं या समोहणपति देखणं व समोहण्णमाणे पूचि संपारणित्ता पच्छा उववभेजा सवेणं समोहण्णमाणे पुब्बि उववजेता पच्छा संपाउणेजा से तेणगुणं जाव पच्छा उववजेता पुढविक्काइए णं भंते इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव एवं चेव ईसाणे वि एवं जाच अय-गेवेजविमाणे अनुत्तरविमाणे ईसिपब्यभाराए य एवं चेव पुढविककाइए णं भंते सकरप्पभाए पुढवीए समोहए समोहणिता जे भविए सोहम्मेकप्पे पुढविक्काइयताए एवं जहा रयणप्पभाए पुढविक्काइओ उपवाइओ एवं सक्करप्पभाए वि पुढविक्काइओ उववाएयब्वो जाव ईसिष्भमा राए एवं जहा रयणप्पभाए वत्तव्बया मणिया एवं जाव अहेसत्तपाए समोहए इसिपडमराए उववाएयव्चो सेसं तं चेव सेवं भंते सेवं भंते त्ति !६०५/-604
सत्तरसमे सत्तेछटो गोसो समतो. --: सत्त मो-
उसो :(१०) पुढविक्काइए णं मंते सोहम्मे कप्पे समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणपभाए पुढवीए पुढविक्काइयत्ताए उववचित्तए से णं भंते किं पुब्बि उववन्जित्ता पढच्छा समाउणेज्जा सेसं तं चेव जहा रयणप्पभाए पुढविक्काइए सव्वकप्पेसु जाव ईसिपब्धाराए ताव उववाइओ एवं सोहम्मपुढविक्काइओ विसतसु वि पुढवीसु उववाएयब्वो जाव अहेसत्तमाए एवं जहा सोहम्मपुढविक्काइओ सव्यपुढवीसु उववाइओ एवं जाव ईसिपब्मारापुढविक्काइओ सव्वपुढवीसुरवयाएवब्बो जाव अहेसत्तमाए सेवं भते सेवं भंतेत्ति १६०६1-605
सत्तरसमे सते सत्तमो उदेसो समतो.
- अटु पो-उई सो :(७११) आउक्काइए णं भते इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए समोहए समोहणित्ता जे भविए सोहसे कप्पे आउक्काइयताए उववञ्जित्तए एवं जहा पुढविक्काइओ तहा आउक्काइओ वि
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