________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२७८
भगवई - १३-19/५६ (५६६) से नूणं भंते कण्हलेस्से नीललेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु नेरइएस उववनंति हंता गोयमा कण्हलेस्से जाव उववजंति से केणतुणं भंते एवं वुन्छइ-कण्हलेस्से जाव उववनंति गोयमा लेस्सट्ठाणेसु संकिलिस्समाणेसु-संकिलिस्समाणेसु कण्हलेसं परिणमइ परिणमतित्ता कण्हलेसेसु नेरइएसु उववशति से तेणद्वेणं जाव उववनंति से नूणं भंते कण्हलेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता नीललेस्सेसनेरइएस उववजंति हंता गोयमा जाव उववचंति सेकेणटेणं जाव उववन्नति गोयमा लेस्सट्ठाणेसु संकिलिस्समाणेसु वा विसुज्झमाणेसु वा नीललेस्सं परिणमइ परिणमित्ता निललेस्सेसु नेरइएसु उववजंति से तेणडेणं गोयमा जाव उववनंति से नूणं भंते कण्हतेस्से नीललेस्से जाव सुक्कलेस्से मवित्ता काउलेस्सेसु नेरइएसु उववनंति सेवं भंते सेवं भंते ति।४७१/-472
तेरसमे सते पटमो उद्देसो समतो.
- बी ओ-उसो :(५६७) कतिविहाणं भंते देवा पनत्ता गोयया चउबिहा देवा पन्नत्ता तं जहा-भवणवासी वाणमंतराजोइसिया वेमाणिया, मवणवासीणं मंते देवा कतिविहा पन्नत्ता गोयमा दसविहा पन्नता तं जहा-असुरकुमारा-एवं भेओ जहा बितियसए देवुद्देसए जाव अपराजिया सब्वट्ठसिद्धगा केवतिया णं मंते असुरकुमारावाससयसहस्सा पन्नत्ता गोयमा चोयट्टैि असुरकुमारावाससयहस्सा पन्नता ते णं भंते किं संखेजवित्यडा असंखेजवित्थडा गोयमा संखेजवित्थडा वि असंखेजवित्थडा वि चोयहीए णं मंते असुरकुमारावाससयहस्सेसु संखेचवित्थडेसु असुरकुमारवासेसु एगसमएणं केवतिया असुरकुमारा उववनंति जाव केवतिया तेउलेस्सा उववजंति केवतिया कण्हपक्खिया उववनंति एवं जहा रयणप्पभाए तहेव पुच्छा तहेव वागरणं नवरं-दोहिं वेदेहि उववजंति नपुंसगवेयगा न उववजंति सेसं तं चेव उव्वदृतगा वि तहेव नवरं-असण्णी उव्वदृति ओहिनाणी ओहिदंसणी य ण उव्वहति सेसं तं चेव पण्णत्तएस तहेव नवरं-संखेजगा इस्थिवेदगा पन्नत्ता एवं परिसवेदगा वि नपंसगवेदगा नत्यिकोहकसाई सिय अत्यि सिय नत्थि जइ अत्यिजहणेणं एकको वा दो या तिण्णि वा उक्कोसेणं संखेजा पत्रता एवं माणकलाई मायकसाई संखेजा लोमकसाई पत्रत्ता सेसं तं चैव तिसु वि गमएसु चत्तारि लेस्साओ माणियव्याओ एवं असंखेजवित्थडेसु वि नवरं-तिसुवि गमएसु असंखेज्जा माणियच्या जाव असंखेजा अचरिमा पन्नत्ता
केवतिया णं भंते नागकुमारावाससयसहस्सा पन्नता एवं जाव पणियकुमारा नवरं-जत्य जत्तिया भवणा केवतिया णं भंते वाणमंतरावाससयसहस्सा पन्नत्ता गोयमा असंखेशा याणमंतरावाससयसहस्सा पन्नत्ता ते णं भंते किं संखेझवित्यडा असंखेचवित्थडा गोयमा संखेज्जवित्थडानी असंखेजवित्थडा संखेजेसु णं मंते वाणमंतरावाससयसहस्सेसु एगसपएणं केवतिया वाणमंतरा उवयनंति एवं जहा असुरकुमाराणं संखेज्जवित्थडेसु तिणि गमगा तहेव भाणियव्वा वाणमंतराणं वि तिणि गमगा, केवतिया णं भंते जोइसियविमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता गोयमा असंखेज्जा जोसियविमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता ते णं भंते किं संखेचवित्थडा एवं जहा बाणमंतराणं तहा जोइसियाणं वि तिणि गमगा माणियव्या नवरं-एगा तेउलेस्सा उववजंतेसु पत्रत्तेसु य असण्णी नत्थि सेसं तं चेव सोहम्मे णं भंते कसे केवतिया विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता गोयमा बत्तीसं विमाणावाससयसहस्सा पन्नत्ता तेणं मंते किं संखेजवित्थडा असंखेनवित्थडा सोहम्मे णं भंते कप्पे
For Private And Personal Use Only