________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सतं-११, देसो-९
२३३ लोही-लोहकडाह-कडच्छुयं तंदियं तावसभंडगं किढिण-संकाइयगं च गेण्हइ गेण्हिता तावसासहाओ पडिनिखमइ पडिनिक्खिमित्ता पडिवडियविभंगे हरियणापुर नगरं मझमझेणं निग्गच्छइ निग्गच्छित्ता जेणेव सहसंबंयणे उजाणे जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिखुत्तो वंदइ नमसइ वंदित्ता नमंसित्ता नच्चासन्ने नातिदूरे [सुस्सूसमाणे नमसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिकडे पज्जुवासइ
तएणं समणे भगवं महावीरे सिवस्स रायरिसिस्स तीसे य महतिसहालियाए परिसाए धर्म परिकहेइ जाव आणाए आराहए भवइ तए णं से सिवे रायरिसी समणस्स मगयओ महावीरस्स अंतियं धम्मं सोचा निसम्म जहा खदओ जाव उत्तपुरत्थमं दिसीमागं अवकभइ अवकूकमित्ता सुबह लोही-लोहकडाह-कडच्छुयं तंबियं तावसभंडग) किढिण-संकाइयगं च एगंते एडेइ एडेता सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ करेत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमसइ वंदिता नमंसित्ता एवं जहेब उसमदतो तहेव पव्यइओ तहेय एक्कारस अंगाई अहिजइ तहेव सव्वं जाव सव्वदुक्खप्पहीणो।४१७१-418
(५०९) भंतेतिभगवंगोयमेसमणंभगवंमहावीरंवंदइनमसइवंदित्तानमंसित्ताएवंवयासीजीवाणं भंते सिन्झमाणा कयरस्मिसंघयणे सिझंति गोयमा वइरोसभनारायसंघयणे सिझंति एवं जहेव ओववाइए तहेव संघयणं संठाणं उच्चतं आउयं च परियसणा एवं सिद्धिगंडिया निरवसेसा भाणियव्वाजाव-अव्याबाहंसोक्खंअणुहोतिसासयंसिद्धासेवंभंतेसेवेमंतेति।४१८/-419
एककारसमे सतेनबमे उद्देसो समतो.
__-दस मो-उदे सो:(५१०) रायगिहे जाव एवं वयासी-कतिविहे णं मंते लोए पन्नते गोयमा चउबिहे लोए पन्नते तं जहा-दव्वलोए खेत्तलोए काललोए भावलोए, खेत्तलोए णं भंते कतिविहे पन्नते गोयमा तिविहे पन्नत्ते तं जहा-अहेलोयखेत्तलोए तिरियलोयखेत्तलोए उड्ढलोयखेत्तलोए, अहेलोयखेतलोए णं मंते कतिविहे पत्नत्ते गोयमा सत्तविहे पन्नत्तेतं जहा-रयणप्पभापुढविअहेलोयक्खेतलोए जाय अहेसत्तमापुढविअहेलोयखेत्तलोए तिरियलोयखेत्तलोए णं मंते कतिविहे पन्नते गोयमा असंखेजविहे पत्रत्ते तं जहा-जंबुद्दीवे दीवे तिरियलोयखेतलोए जाव सयंभूरमणसमुद्दे तिरियलोयखेत्तलोए उड्ढलोयखेत्तलोए णं भंते कतिविहे पनत्ते गोयमा पत्ररसविहे पन्नत्ते तं जहा-सोहम्मकप्पउड्ढलोयखेत्तलोए [ईसाण सणंकुमार-माहिंद-बंभलोय-लंतय-महासुक्क-सहस्सार-आणयपाणय-आरण] अचयकप्पउड्ढलोयखेत्तलोए गेवेचविमाणउड्ढलोयखेत्तलोए अनुत्तरविमाणउड्ढलोयखेत्तलोए ईसिपब्भारपुढविउड्दलोयखेतलोए, अहेलोयखेत्तलोए णं मंते किंसंठिए पाते गोयमा तप्पागारसंठिए पन्नत्ते तिरियलोयक्खेत्तलोए मंते किसंठिए पनत्ते गोयमा झल्लरिसंठिए पत्रत्ते उड्ढलोयखेत्तलोए एणं मंते किंसंठिए पन्नत्ते गोयमा उड्ढमुइंगाकारसंठिए पन्नत्ते
लोए णं मंते किंसंठिए पन्नत्ते गोयमा सुपट्टगसंठिए पन्नत्ते तं जहा-हेट्ठा विच्छिण्णे मज्झे संखिते [उप्पिं विसाले अहे पलियंकसंठिए मझे वरवइरविग्गहिए उप्पिं उद्धमुइंगाकारसंठिए तंसि च णं सासयंसि लोगंसि हेट्ठा विच्छिण्णांसि जाव उपिं उद्धमुइगाकारसंठियंसि उप्पण्णनाणदसणधरे अरहा जिणे केवली जीवे वि जाणइ-पासइ अजीवे वि जाणइ-पासइतओ पच्छा सिज्झाइ बुच्छइ मुन्नइ परिनिव्वाइ सव्यदुक्खाणं] अंतं करेइ अलोए णं भंते किसंठिए पनत्ते गोयमा
For Private And Personal Use Only