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भगबई - १01-14/४८१ अग्गमहिसिओ पन्नताओ तं जहा-पउमा सिवा सची अंजू अमला अच्छा नवपिया रोहिणी तस्थ णं एगपेगाए देवीए सोलस-सोलस देवीसहस्सा परिवारो पत्रत्तो पभू णं ताओ एगमेगा देवी अण्णाई सोलस-सोलस देवीसहस्साई परिवारं विउब्बितए एवामेव सपुव्वावरेणं अट्ठावीसत्तरं देवीसयसहस्सं सेत्तं तुहिए
पभू णं भंते सक्के देविंदे देवराया सोहम्मे कप्ये सोहम्मव.सए विमाणे सभाए सुहम्माए सक्कंसि सीहासणंसि तुहिएणं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए सेस जहा चमास्स नवरं-परियारो जहा मोउद्देसए सकूकस्स णं देविंदस्स देवरपणो सोमरस महारण्णो कति अग्गमहिसीओ पुच्छा अञ्जो चत्तारि अग्गपहिसीओ पनत्ताओ तं जहा-रोहिणी मदणा चित्ता सोमा तस्य णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देवीसहस्सं परिवारे सेसं जहा चभरलोगपालाणं नवरं-सयंपभे विमाणे सभाए सुहमाए सोमंसि सोहासणंसि सेसं तं चेव एवं जाव बेसमणस्स नवरं-विमाणाई जहा ततियसए, ईसाणस्स णं भंते पुच्छा अजो अटु अग्गहिसीओ पत्रताओ तं जहा-कण्डा कपहराई रामा रामरस्तिया वसू वसुगुता वसुमिता वसुंधरा तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देवीसहस्सं परिवारे सेसं जहा सकस्स, ईसाणस्स णं भंते देविंदस्स देवरण्णो सोमस्स महारण्णो कति अगमहिसीओ-पुच्छा अनो चत्तारि आगपहिसीओ पत्रताओ तं जहा-पुहवी राई रयणी विजू तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देवीसहसं परिवार सेसं जहा सककस्स लोगपालाणं एवं जाब वरुणरस नवरं-विमाणा जहा वउत्यसए सेसं तं चेव जाव नो चेव णं मेहणवत्तियं सेवं भंते सेवं भंते ति।४०५।-406
दसमे सते पंचमो उद्देसो समत्तो.
~: छटो-उदे सो:(४१०) कहि णं भंते सक्कस्स देविंदस्स देवरष्णो सभा सुहम्मा पत्रत्ता गोयमा जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पब्वयस्स दाहिणे णं इसीसे रयणप्पभाए पुढीए बहुसपरणिज्जातो भूमिभागातो उड्ढे एवं जहा रायप्पसेणइजे जाव पंच वडेंसगा पन्नत्ता तं जहा-असोगवडेंसए [सत्तवण्णवडेंसए चंपगवडेंसए चूववडेंसए मन्झे सोहम्मवडेंसए से णं सोहम्मयडेंसए महाविमाणे अद्धतेरस जोयणसयसहस्साई आयामक्खिभेणं ।४०६-91-407-1 (४९१) एवं जह सूरियाओ तहेव भाणं तहेर उवधाओ सक्कस्स य अभिसेओतहेवजह सूरियाभस्स
॥६५॥1 (५९२) अलंकारअच्चणिया तहेव जाव आयरक्ख त्ति दो सागरोवमाई ठित्ती सक्के णं मते देविंदे देवराया के महिड्दिए जाव केमहासोक्खे गोयमा महिड्ढिए जाव महासोखे से णं तत्य बत्तीसाए विमाणवाससयसहस्साणं जाव दिब्बाई भोगभोगाई मुंजमाणे विहाइ एमहिड्ढिए जाव एमहासोक्खे सक्के देविंदे देवराया सेवं मंते सेवं भंते त्ति १४०६1-407
इसमे सते छटो उद्देसो समतो.
-उहे सा - ७-३४ :(४९३) कहि णं भंते उत्तरिल्लाणं एगूरुयमणुस्साणं एगूख्यदीदे नाम दीवे पत्रते एवं जहा जीवाभिगमे तहेव निरवसेसं जाव सुद्धदंतदीवो त्ति एए अट्ठावीसं उद्देसगा भाणियव्या सेवं भंते सेवं मंतेत्ति जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ।४०७/-408
करसमे सते ७-३४ उद्देसा समता दसपंसतं समतं.
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