________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१९
दसमं सतं - उदेसो-३
-: त इ ओ - उ हे सो :(४८२) रायगिहे जाव एवं वयासी-आइड्ढीए णं मंते देवे जाव चत्तारि पंच देवावासंतराई दीतिककंते तेण परं परिडीए हंता गोयमा आइड्ढीए णं देवे जाव चत्तारि पंच देवावासंतराई चीतिक्कते तेणं परं परिडीए एवं असुरकुमारे वि नवरं-असुरकुमारावासं तराई सेसं तं चेव एवं एएणं कमेणं जार धणियकुमारे एवं वाणमंतरे जोइसिए वेमाणिए जाय तेणं परं परिड्डीए अप्पिड्ढीए णं भंते देवे महिड्ढियस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं वीइवएनानो इणद्वे समढे समिवीए णं भंते देवे समिड्ढीयस्स देवस्स मझंपज्झेणं वीइवएज्जा नो इणढे समढे पमत्तं पुण वीइवएजा से मंते किं विमोहित्ता पभू अविमोहित्ता पभू गोयमा विमोहित्ता पभू नो अविमोहित्ता पभू से भंते किं पुब्धि विमोहित्ता पच्छा बीइएजा पुचि वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा गोयमा पुग्वि विमोहित्ता पछा बीइएवञ्जा नो पुञ्चि वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा महिड्ढीए णं भंते देवे अप्पिड्ढियस्स देवस्समझंमझेणं वीइवएजा हंता वोइवएजा से भंते किं विमोहिता पभू अविमोहित्ता पमू गोयया विमोहितावि पभू अविमोहिता वि पभू से मंते किं पुब्धि विमोहिता पच्छा वीइवएज्जा पुब्बि वीइवइत्ता पच्छा दिमाहेजा गोयपा पुचिं वा विमोहेत्ता पच्छा वीइदएजा पुट्विं वा वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा
___ अप्पिड्ढिए णं भंते असुरकुमारे महिड्ढियस्स असुरकुमारस्स मज्झमज्झेणं वीएवएज्जा नो इणद्वे समढे एवं असुरकुमारेणं वि तिणि आलावगा भाणियव्वा जहा ओहिएणं देवेणं भणिया एवं जाव थणियकुमारेणं वाणमंतर-जोइसियदेमाणिएणं एवं वेव अप्पिढिए ण भंते देवे महिड्ढियाए देवीए मझमझेणं वाइवएज्जा नो इणढे सपढे सपिड्डिए णं भंते देवे सपिड्ढियाए देवीए मज्झमझेणं वीइवएज्जा एवं तहेव देवेण य देवीए य दंडओ भाणियब्वो जाव वेमाणियाए अप्पिड्ढिया भंते देवी महिंड्ढियस देवस मन्झंमज्झेणं वीइवएजा एवं एसो यि ततिओ दंडओ भाणियव्यो जाव-महिड्ढिया वेमाणिणी अप्पिड्ढियस्स वेमाणिवस्स मज्झमझेणं वीइवएज्जा हंता वीइवएजा अप्पिड्डिया णं भंते देवी माहेड्ढियाए देवीए मझमझेणं वीवएज्जा नो इणढे समढे एवं समिड्ढिया देवी समिड्ढिया देवीए तहेव महिड्ढिया वि देवी अप्पिड्ढियाए
देवीए तहेव एवं एककेके तिण्णि-तिण्णि आलावगा भाणियव्या जाव- महिड्ढिया णं भंते वेमाणिणी अप्पिड्ढियाए वेमाणिणीए मझमझेणं वीएवएजा हंता वीइवएना सा मंते किं विमोहिता पभूअविमोहित्ता पभू गोयमा विमोहित्ता वि पमू अविमोहित्ता वि पभू तहेव जाव पुब्बि वा वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा एए चतारि दंडगा ।४००-401
(४८३) आसस्स णं भंते घावमाणस्स किं खु-खति करेति गोयमा आसस्स गंधावमाणस्स हिययस्स यजगस्स य अंतरा एत्य णं कक्कडए नामंयाए संमुच्छइ जेणं आसस्स धावमाणस खुखत्ति करेति ।४०१:402
(४८४) अह भंते आसइस्सामो सहस्सामो चिट्ठिस्सामो निसिइस्सामो तुयट्टिस्सामो-पण्णवणी णं एस मासा न एसा भासा मोसा, हंता गोयमा आसइस्सामो सइस्सामो चिहिस्सापो निसिइस्सामोतुसंहिस्सामो-पण्णवणीणंएसा मासा नएसा भासामोसा सेवंभंते सेवं भंतेति।४०२१-403 (४८५) आमंतणी आणवणी जायणी तह पुछणीय पण्णवणी पच्चक्खाणी मासा, मासा इच्छाणुलोमाय
!!६३-1 (१८६) अणभिगहिया भाप्ता भासा य अभिग्गहम्मि बोद्धव्या संसयकरणी भासा वोयडमव्वोयडा घेव
॥६४||-2 दसमे सते तहसो उद्देसो सपत्तो.
For Private And Personal Use Only