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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चउत्यं ठाणं - उदेलो-२ अङ्ग्रे नाममेगे अज्जमावे अजे नाममेगे अणजमावे अणजे नाममेगे अञ्जभाये अणजे नाममेगे अणजभावे ।२८०1-280 (२१५) चत्तारि उसभा पन्नता तं जहा-जातिसंपण्णे कलसंपण्णे बलसंपण्णे रुवसंपण्णे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-तातिसंपण्णे कुलसंपण्णे बलसंपण्णे रूवसंपण्णे चत्तारि उसमा पन्नत्ता तं जहा-जातिसंपण्णे नामं एगे नो कुलसंपण्णे कुलसंपण्णे नाम एगे नो जातिसंपण्णे एगे जातिसंपण्णेवि कुलसंपण्णेवि एगे नो जातिसंपण्णे नो कुलसंपण्णे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-जातिसंपण्णे नामएगे नो कुलसंपन्ने कुलसंपन्ने नामएगे नो जाति संपन्ने एगे जातिसंपन्ने वि कुलसंपन्ने वि एगे एगे नो जातिसंपण्णे नो कुलसंपण्णे चत्तारि उसमा पन्नत्ता तं जहा जातिसंपण्णे नामं एगे नो बलसंपण्णे बलसंपण्णे नामं एगे नोजातिसंपण्णे एगे जातिसंपण्णेवि बलसंपण्णेवि एगे नो जातिसंपण्णे नो वलसंपण्णे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-जातिसंपण्णे नामं एगे नो बलसंपण्णे बलसंपण्णे नामं एगे नो जातिसंपण्णे एगे जातिसंपण्णेवि बलसंपण्णेवि एगे नो जातिसंपण्णे नो बलसंपण्णे चत्तारि उसभा पन्नत्ता तं जहा-जातिसंपण्णे नामं एगे नो रूवसंपण्णे स्वसंपण्णे नामं एगे नो जातिसंपण्णे एगे जातिसंपण्णेवि रूवसंपण्णेवि एगे नो जातिसंपण्णे नो रूवसंपण्णे एवामेव चत्तारि पुरसजाया पन्नत्ता तं जहा-जातिसंपण्णे नामं एगे नो रूवसंपण्णे रूवसंपणे नामं एगे नो जातिसंपण्णे एगे जातिसंपण्णेवि रूवसंपण्णेवि एगे नो जातिसंपण्णे नो रूवसंपण्णे चत्तारि उसमा पन्नता तं जहा-कुलसंपण्णे नामं एगे नो बलसंपण्णे बलसंपपणे नामं एगे नो कुलसंपण्णे एगे कुलसंपण्णेवि बलसंपण्णेवि एगे नो कलसंपण्णे नो बलसंपपणे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-कुलसंपण्णे नामं एगे नो बलसंपण्णे बलसंपण्णे नामं एगे नो कुलसंपण्णे एगे कुलसंपण्णेवि यलसंपण्णेवि एगे नो कलसंपण्णे नो बलसंपण्णे चत्तारि उसमा पन्नत्ता तं जहा-कुलसंपण्णे नामं एगे नो रूवसंपण्णे रूवसंपण्णे नामं एगे नो कुलसंपण्णे एगे कुलसंपण्णेवि रूवसंपण्णेवि एगे नो कलसंपण्णे नो रूवसंपण्णे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-कुलसंपण्णे नामं एगे नो रूवसंपण्णे रूवसंपण्णे नामं एगे नो कुलसंपण्णे एगे कुलसंपण्णेवि रूवसंपण्णेवि एगे नो कुलसंपण्णे नो रूवसंपपणे चत्तारि उसमा पन्नत्ता तं जहा बलसंपण्णे नामं एगे नो रूवसंपण्णे रूवसंपण्णे नाम एगे नो बलसंपपणे एगे यलसंपण्णेवि रूवसंपण्णेवि एगे नो बलसंपण्णे नो रूवसंपण्णे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-बलसंपण्णे नामं एगे णो रूवसंपण्णे रूपसंपण्णे नामं एगे नो वलसंपण्णे एगे बलसंपण्णेवि रूवसंपण्णेवि एगे नो बलसंपण्णे नो रूवसंपण्णे चत्तारि हत्थी पन्नता तं जहा-भद्दे मंदे पिए संकिपणे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता जं जहा-भद्दे मंदे मिए संकिण्णे चत्तारि हत्थी पन्नता तं जहा-मद्दे नामपेगे भद्दमणे भद्दे नाममेगे मंदमणे भद्दे नाममेगे मियमणे भद्दे नामपेगे संकिण्णमणे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-भद्दे नाममेगे मद्दमणे भद्दे नाममेगे मंदमणे भद्दे नामपेगे मियमणे भद्दे नाममेगे संकिण्णमणे चत्तारि हत्थी पन्नत्ता तं जहा मंदे नाममेगे मद्दमणे मंदे नाममेगे मंदमणे मंदे नाममे मियमणे मंदे नाममेगे संकिण्णमणे एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तं जहा-मंदे नाममेगे मद्दमणे मंदे नाममेगे मंदमणे मंदे नामपेगे पियपणे मंदे नाममेरो संकिण्णमणे चत्तारि For Private And Personal Use Only
SR No.009729
Book TitleAgam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 03, & agam_sthanang
File Size3 MB
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