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दाणं २/१/६०
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चेव दो किरियाओ पण्णत्ताओ तं जहा आणवणिया चेव वेयारणिया चेव आणवणिवा किरिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा जीव आणवणिया चेव अजीव आणवणिया चेव वेयारणिया किरिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा जीववेयारणिया चेव अजीव देयारणिया चैव दो किरिचाओ पण्णत्ताओ तं जहा - अनाभोगवत्तिया चेव अणवकंखवत्तिया चेव अनामभोगवत्तियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा- अनाउत्तआइयणता चेव अनाउत्तपमज्रणता चेव अणवकंखवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा आयसरीरअणवकंखबत्तिया चेव परसरीरअणवकंखबत्तिया चेव दो किरियाओ पण्णत्ताओ तं जहा पेजवत्तिया चेव दोसवत्तिया चेव पेजवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा - पायावत्तिया चेव लोभवत्तिया चेव दोस- वत्तिया किरिया दुबिहा पण्णत्ता तं जहा- कोहे चेव माणे चेव | ६० | -60
(६१) दुविहा गरिहा पण्णत्ता तं जहा माणसा वेगे गरहति वयसा वेगे गरहति अहवागरा दुविहा पण्णत्ता तं जहा दीहं वेगे अद्धं गरहति रहस्तं वेगे अद्धं गरहति । ६१1-61
( ६२ ) दुविहे पच्चक्खाणे प. मणसा वेगे पच्चक्खाति वयसा देगे पञ्चखाति अहवापचक्खाणे दुविहे प. - दीहं वेगे अद्धं पञ्चक्खाति रहस्तं वेगे अर्द्ध पच्चक्खाति । ६२/- 62
(६३) दोहिं ठाणेहिं संपन्ने अणगारे अणादीयं अणववगं दीहमद्धं चाउरतं संसारकंतारं बीतिवएज्जा तं जहा - विजाए चेव चरणेण चैव । ६३/-63
(६४) दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया नो केवलिपण्णत्तं धम्मं लभेज सवणयाए तं जहा- आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो टाणाई अपरियाणेत्ता आया नो केवलं योधि बुझेजा तं जहा- आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया नो केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वज्जा तं जहा- आरंभे चैव परिग्गहे चेव [ दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया नो केवलं ] बंभचेरवासमावसेज्जा तं जहा- आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया) नो केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा [तं जहा आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया ] नो केवलेणं संवरेणं संवरेजा [तं जहा आरंभे चैव परिग्गहे चैव दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया] नो केवलमाभिनिबोहियणाणं उप्पाडेजा [तं जहा- आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया। नो केवलं सुयंनाणं उप्पाडेजा [तं जहा- आरंभ चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया ] नो केवलं ओहिनाणं उप्पाडेजा [तं जहाआरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई अपरियाणत्ता आया। नो केवलं मणपजवनाणं उप्पाडेजा [तं जहा आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई अपरियाणेत्ता आया ] नो केवलं केवलनाणं उप्पाडेजा तं जहा- आरंभे चैव परिग्गहे चेव ॥ ६४/- 64
(६५) दो ठाणाई परियाणेता आया केवलिपन्नत्तं धम्मं लभेज सवणवाए तं जहाआरंभे चैव परिग्गहे चेव | दो ठाणाई परियाणेत्ता आया केवलं बोधिं बुज्झेज्जा तं जहा- आरंभ चैव परिष्गहे चेव दो ठाणाई परियाणेत्ता आया केवलं मुंडे भवित्ता अगाराओ अनगारिय पव्वइजा तं जहा- आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई परियाणेत्ता आया केवलं वंभचेरवासमावसेज्जा तं जहा आरंभे चैव परिग्गहे चेव दो ठाणाई परियाणेता आया केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा तं जहा आरंभे चैव परिग्गहे चैव दो ठाणाइं परियाणेत्ता आया केवलेणं संवरेणं संवरेज्जा तं जहा आरंभे चैव परिग्गहे चैव दो ठाणाई परियाणेत्ता आया केवल