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___ठाणं - ५/१/४३८
जहा-काली राती रयणी विजू मेहा बलिस्स णं वइरोयर्णिदस्स वइरोवणरण्णो पंच अग्गम - हिसीओ पन्नत्ताओ तं जहा-सुंभा निसुंभा रंभा निरंभा मदना ।४०३1-403
(४३८) चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो पंच संगामिया अनिया पंच संगामिया अनियाधिवती पन्नत्ता तं जहा-पायत्ताणिए पीढाणिए कुंजराणिए महिसाणिए रहाणिए दुमे पायत्तानियाधिवती सोदामे आसराया पीढणियाधिवती कुंथू हस्थिराया कुंजराणियाधिवती लोहितक्खे महिसाणियाधिवती किण्णरे रघाणियाधिवती बलिस्स णं वइरोणिंदस्स वइरोयणरण्णो पंच संगामियाणिया पंच संगामियाणियाधिवती पन्नत्ता तं जहा-पावत्ताणिए पीढणिए कुजराणिए महिसाणिए रघाणिए मह मे पायत्ताणियाधिवती महासोदामे आसराया पीढाणियाधियती मालंकारे हस्थिराया कुंजराणियाधिपती महालोहिअक्खे महिसाणियाधिपती किंपरिसे रघाणिवाधिपती धरणस्स णं नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो पंच संगामिया अनिया पंच संगामियामियाधिपती पन्नत्ता तं जहा-पायत्ताणिया जाव रहाणिए भद्द. सेणे पायत्ताणियाधिपती जसोधरे आसराया पीढाणियाधिपती सुदंसणे हस्थिराया कुंजराणियाधिपती नीलकंठे महिसाणियाधिपती आनंदे रहाणियाहिवई भूपाणंदस्स णं नागकुमारिदस्त नागकुमाररण्णो पंच संगामियाणिया पंच संगामियाणियाहिवई पन्नता तं जहा-पायत्ताणिए जाव रहाणिए दक्खे पायत्ताणियाहिवई सुग्गीवे आसराया पीढाणियाहिवई सुविक्को हस्थिराया कंजराणियाहिबई सेयकंठे महिसाणियाहिवई नंदुतरे रहामियाहिबई वेणुदेवस्स णं सुवन्दिस्त सुवन्नकुमाररण्णो पंच संगामियाणिया पंच संगामियाणियाहिपती पन्नत्ता तं जहा-पायत्ताणिए एवं जधा धरणसं तधा वेणुदेवस्सवि वेणुदालियस्स जहा भूताणंदस्स जधा धरणस्स तहा सव्वेसि दाहिणिल्लाणं जाव धोसस्स जधा भूताणंदस्स तथा सव्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाव महाधोसस्स सकस णं देविंदस्स देवरपणो पंच संगामिया अणिया पंच संगामियाणियाधियती पन्नत्ता तं जहा-पावत्ताणिए [पीढाणिए कुंजराणिए] उसभाणिए रघाणिए हरिणेगमेसी पायत्ताणियाधिवती वाऊ आसराया पीढाणियाधिवती एरावणे हस्थिराया कुंजराणियाधिपती दामड्ढी उसभाणियाधिपती माढरे रघाणियाधिपती ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो पंच संगामिया अनिया जाव पायत्ताणिए पीढाणिए कुंजराणिए उप्तभाणिए रमाणिए लहुपरक्कमे पायत्ताणियाधिवती महावाऊ आसराया पीढाणियाहिवती पुष्फदंते हस्थिराया कुंजराणियाहिवती महादामड्ढी उसभाणियाहिवती महामाढरे रघामि- याहिवती जधा सक्कस्स तहा सव्वेर्सि दाहिणिलाणं जाव आरणस्स जधा ईसाणस्स तहा सव्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाव अचुतस्स
४०४1-404 (४३९) सककस्स णं देविंदस्स देवरपणो अब्मंतरपरिसाए देवाणं पंच पलिओचमाई ठिती पन्नता ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरण्णो अलमंतरपरिसाए देवीणं पंच पलिओयमाई ठिती पन्नता ।४०५!-405
(४४०) पंचविहा पडिहा पनत्ता तं जहा-गतिपडिहा ठितिपडिहा बंधणपडिहा भोगपडिहा बल-वीरिय-परिसयार-परकमपडिहा ।४०६। -406
(४४१) पंचविधे अजीवे पण्णत्ते तं जहा-जातिआजीवे कुलाजीवे कम्माजीवे सिप्पाजीवे लिंगाजीवे |४०७।-407
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