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श्री नाममाला जी दोहा लाख तियालीस पांच अरु, चालिस और हजार । कहे तीन सौ तीस नर, ऊपर एक निहार ॥ ११ ॥
(४३४५३३१) नाम :उदउ सरउ और भीषमा, लखन चरन नय राम । विसुन अभय व रमन सिरी, शाहकुमार सु नाम ॥ १२ ॥ मदन वयन धनकुंवर जे, चेतन भानु कुंवार । निलय रमन इच्छ करम मिल, नाम अनेक सु सार ॥ १३ ॥ कमल श्री अरु नयन सिरी, रूपसिरी है सोय । वीर श्री चन्दन सिरी, अलख अनोखी जोय ॥ १४ ॥ इन आदिक सुवनी सहित, सकल संघ अवलोय । तारण स्वामी पंथ की, धर्म देशना होय ॥ १५ ॥ चरनागर अरु दुसके, गोलालारे असैटी जान । समैया अयोध्या संग लै, षट् संघ समय बखान ॥ १६ ॥ तारण स्वामी श्री गुरू, जाति पांति गढ़ तोड़ । आत्म धर्म की घोषणा, मिथ्यामत को मोड़ ॥ १७ ॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी चन्द पारु औ लखाउरी, मढ़ा ललोई जान । __कहत इटावा नाम से, गुर्जर से गुजरान ॥ २० ॥
सेवपारु सेगोन के, लिंग छितरू पारु । मान वरडी औ घटू, बाम्हौरी विस्तारु ॥ २१ ॥ चन्देरी विरधा कह्यौ, कह्यौ खडैहो ग्राम । खेड़ो खाम कुकाउली, पदरथपुर बसऊ ठाम ॥ २२ वढ़वारे दुदये विरदहा, पिपरिया परसोंगी सोय । चांदो महोड़ा छीउली, मुड़ियाखेड़ो जोय ॥ २३ करमावाड़ी औ बसऊ, पुरहा और सिरोंज । अहमद और शिकारपुर, गढ़ा रतनपुर ओज ॥ २४ घाटम अहूं उगासरो, तूमैन हांसो इकवास । ग्यारसपुर माइन सहित, पामाखेड़ी खास ॥ २५ कागापुर सागर बड़ो, पाटन धनेसुर ठौर । सिलवानी औ कोड़िया, वारां कुरवाई और ॥ २६ तिभुवा पनपारू रहे, सनाई मानोरा ग्राम । उरइ महेसुर चारुवा, सेमरखेड़ी नाम ॥ २७ ॥ पनपारू औ वानपुर, जयपुर पुष्कर वास । आस पास जेते रहें, कीनों तिन में वास ॥ २८ ॥
ठाम :संवत् पन्द्रह सौ पांच में, जन्म पुष्पावति ग्राम । साढ़े छ्यासठ बरस लौ, धरियौ आतम राम ॥ १८ ॥ पन्द्रह ऊपर बहत्तरा, जेठ षष्ट तिथि श्याम । जन तन से नेहा तजो, सरवारथ कर ठाम ॥ १९ ॥
पद:राजा दादे
राणा नान्हें
नरपति, चौधरी और सेठ सह, पचहाड़ा
मंडरीक । परतीक ॥ १
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