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श्री ममल पाहुड
जी
गुपित अर्क सुइ मिलिय उवन जिन,
अब सुइ जिनय जिनाला रे ।
अब सह समय उवन जिन उवने,
जय जिनु मुक्ति पियारा रे ॥
उव समय सुयं सुइ सुवन उदेसी, जय जयवन्तु जयो जय जिनवर,
सुइ उवन उवन जगराया रे ।
जय समय मुक्ति दरसाया रे ||
उव समय रमन रय रमिय वयन जिनु, सब्द प्रिये सुइ मिलिय उवन जिनु,
२ 11 ॥ आचरी ॥
जिन जिनयति जिनय जिनाला रे ।
सुइ उवन समय तत्काल रमन जिनु, सुइ उवन स्वाद रंग मिलिय उवन पिय,
३ ॥
॥ गुपित. ॥
सुइ हिय हुव मुक्ति पियारा रे ॥
दिप्ति दिस्टि सुर्क मिलिय उवन जिनु,
४ 11
॥ गुपित. ॥
सुइ दिप्ति दिस्टि रमि राया रे ।
सह समय मुक्ति जिनाला रे ॥ ५ || ॥ गुपित. ॥
सुइ समय अवलबलिआला रे ।
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अबलबली उव सब्द प्रिये सम,
सह समय मुक्ति सिद्धिआला रे ॥ उव समय दर्स सुइ मिलिय उवन जिनु, कमल उवन सुइ सुवन समय जिनु,
सुइ कलन कमल धुवनाला रे 1
उव समय मिलन जय परिस रमन जिनु,
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सुइ सुवन उवन सिद्धिआला रे ॥ ७ ॥ गुपित. ॥
सब्द साहि सुई सांति सत्य जिनु,
जय मलय मिलन रलिआला रे ।
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
उव समय मिलनु सुइ अर्क अर्क जिनु,
उव समय मुक्ति सिद्धिआला रे ॥
६ 11
॥ गुपित. ॥
अर्क अर्क सुइ सहज कमल मिलि,
सम अर्क कमल कलि कमला रे ।
सुइ अर्क श्रेनि मिलि कलन कलिय जिनु,
८ ॥
॥ गुपित. ॥
ध्रुव उवन मुक्ति सिद्धिआला रे ॥ ९ 11 ॥ गुपित. ॥
सुइ श्रेनि उवन जिन श्रेनि पियं जिनु,
सुइ श्रेनि कलन कलि कमला रे ।
पिय उवन मुक्ति सिद्धिआला रे ॥
१० ॥ ॥ गुपित. ॥